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Bihar Jamin Mapi: जमीन मापी के लिए नहीं होगा राजस्व कर्मचारी की रिपोर्ट का इंतजार, सीओ लेंगे फैसला

अपर सचिव ने बताया कि जिन विषयों पर राजस्व कर्मचारियों के द्वारा रिपोर्ट दी जाती है अब आवेदक स्वयं उस विषय पर शपथपत्र समर्पित कर सकता है। इसके आधार पर तथा अन्य तथ्यों-दस्तावेजों का अवलोकन करते हुए सीओ स्वयं निर्णय लेंगे कि मापी कार्य किया जाएगा या नहीं। उन्होंने कहा कि आवेदक द्वारा मापी के लिए शुल्क जमा करने पर सीओ तिथि निर्धारित करते हुए भू-धारी को सूचित करेंगे।

By babul deep Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 25 Apr 2024 07:36 PM (IST)
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जमीन मापी के लिए नहीं होगा राजस्व कर्मचारी की रिपोर्ट का इंतजार, सीओ लेंगे फैसला
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। राजस्व कर्मचारियों के स्तर से बड़े पैमाने पर मापी कार्य को लंबित रखने पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अहम निर्णय लिया है। अब राजस्व कर्मचारियों की रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना होगा। अंचलाधिकारी स्वयं जमीन मापी के आवेदनों को स्वीकृत और अस्वीकृत करने का निर्णय लेंगे।

यानी राजस्व कर्मचारियों पर मापी के लिए भू-धारियों को निर्भर नहीं रहना होगा। पूरी प्रक्रिया भी ऑनलाइन कर दी गई है। भू-धारी ऑनलाइन मोड में ही मापी के लिए आवेदन करेंगे। फिर सीओ स्वयं निर्णय लेंगे। ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं होगा। अगर कोई भू-धारी ऑफलाइन आवेदन देगा तो इसे भी पहले ऑनलाइन करना होगा। तभी सीओ स्वीकृति देंगे।

इस संबंध में अहम बदलाव करते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर सचिव ने सभी समाहर्ताओं को इससे अवगत करा दिया है। इसी के अनुसार, अब आगे कार्य कराने का अनुरोध किया है।

बताया गया कि पिछले दिनों ई-मापी को लेकर मुख्यालय में समीक्षा हुई थी। इस दौरान पाया गया कि राजस्व कर्मचारियों के स्तर पर बड़े पैमाने पर मामला को लंबित रखा गया है, क्योंकि पहले यह नियम था कि राजस्व कर्मचारी की रिपोर्ट के आधार पर ही सीओ इसकी स्वीकृति देंगे, लेकिन देखा गया कि राज्यभर में अधिक मामले लंबित है।

इस कारण भूमि विवाद की भी संभावना भी बनी रहती है। इसे देखते हुए विभाग ने अहम बदलाव किया है। अपर सचिव ने स्पष्ट करते हुए कहा कि अब मापी कार्य के लिए राजस्व कर्मचारियों के रिपोर्ट की अनिवार्यता नहीं रहेगी।

आवेदक की ओर से दिया जा सकता शपथ पत्र

अपर सचिव ने बताया कि जिन विषयों पर राजस्व कर्मचारियों के द्वारा रिपोर्ट दी जाती है, अब आवेदक स्वयं उस विषय पर शपथपत्र समर्पित कर सकता है। इसके आधार पर तथा अन्य तथ्यों और दस्तावेजों का अवलोकन करते हुए सीओ स्वयं निर्णय लेंगे कि मापी कार्य किया जाएगा या नहीं।

उन्होंने कहा कि आवेदक द्वारा मापी के लिए शुल्क जमा करने पर सीओ तिथि निर्धारित करते हुए भू-धारी को सूचित करेंगे। अपर सचिव ने सभी समाहर्ताओं को अपने स्तर से सीओ को इसकी जानकारी देते हुए कार्यों का निष्पादन अब इसी नए नियम के अनुसार करने को कहा है।

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