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Bihar Land Survey: बिहार के 38 जिलों में दो चरणों में शुरू होगा विशेष सर्वेक्षण व बंदोबस्ती, भूमि सुधार विभाग का आदेश जारी

दो चरणों में विशेष सर्वेक्षण व बंदोबस्ती कार्य किया जाएगा। प्रथम में 20 व द्वितीय चरण में 18 जिलों में इसे किया जाना तय किया गया है। द्वितीय चरण में मुजफ्फरपुर को शामिल किया गया है। शिविर में भू-धारियों को पहुंचकर जमीन संबंधित आवश्यक कागजात दिखाने होंगे। इसकी सूचना पहले से सभी अंचलों को दी जाएगी ताकि वे अपने स्तर से क्षेत्र में इसे लेकर लोगों को जागरूक कर सकें।

By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 15 Jan 2024 06:08 PM (IST)
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बिहार के 38 जिलों में दो चरणों में शुरू होगा विशेष सर्वेक्षण व बंदोबस्ती, भूमि सुधार विभाग का आदेश जारी
बाबुल दीप, मुजफ्फरपुर। सूबे के 38 जिलों में फिर से विशेष सर्वेक्षण व बंदोबस्ती का कार्य शुरू होगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निदेशक जय सिंह ने आदेश जारी किया है। इससे सभी जिलों के समाहर्ता सह बंदोबस्त पदाधिकारी, अपर समाहर्ता व भूमि सुधार उप समाहर्ता समेत अन्य को अवगत कराया गया है। हालांकि, अभी तिथि निर्धारित नहीं की गई है, लेकिन कहा गया है कि इस दिशा में सभी जिले कार्ययोजना बनाना शुरू कर दें।

इसी अनुसार तिथि निर्धारित की जाएगी। सभी जिलों को अविलंब की गई तैयारी के संबंध में रिपोर्ट देने को कहा गया है। बताया गया कि दो चरणों में विशेष सर्वेक्षण व बंदोबस्ती कार्य किया जाएगा। प्रथम में 20 व द्वितीय चरण में 18 जिलों में इसे किया जाना तय किया गया है। द्वितीय चरण में मुजफ्फरपुर को शामिल किया गया है। शिविर में भू-धारियों को पहुंचकर जमीन संबंधित आवश्यक कागजात दिखाने होंगे। इसकी सूचना पहले से सभी अंचलों को दी जाएगी, ताकि वे अपने स्तर से क्षेत्र में इसे लेकर लोगों को जागरूक कर सकें।

अभिलेखों का संधारण, संरक्षण व अपडेशन है उद्देश्य

विभाग के निदेशक ने इसके लिए गाइडलाइन जारी की है। कहा कि इस कार्य के लिए प्रत्येक अंचलों में एक-एक विशेष सर्वेक्षण व बंदोबस्त शिविर लगाया जाएगा। सभी शिविरों में एक-एक प्रभारी, दो सर्वेक्षण कानूनगो, दो लिपिक व अंचलों में प्रत्येक चार राजस्व ग्राम के लिए एक विशेष सर्वेक्षण अमीन को पदस्थापित किया जाएगा। विशेष सर्वेक्षण व बंदोबस्त का मुख्य उद्देश्य आधुनिक प्रौद्योगिकी की सहायता से डिजिटाइज्ड ऑनलाइन अधिकार, अभिलेखों एवं मानचित्रों का संधारण, संरक्षण एवं अपडेशन की प्रक्रिया की निरंतरता को बनाए रखना है। इसके बाद बंदोबस्त प्रक्रिया अंतर्गत भूमि की प्रकृति एवं उपयोग के अनुसार रैयतवार लगान निर्धारण किया जाता है।

कोविड से बीच में बंद हो गया था काम

बताया गया कि भू-अभिलेख व परिमाप निदेशालय द्वारा वर्ष 2019 में विशेष सर्वेक्षण और बंदोबस्ती करने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन कोविड-19 के प्रकोप से बीच में काम को बंद करना पड़ गया था। करीब चार वर्षों के बाद दोबारा इस कार्य को शुरू कराने का आदेश जारी कर दिया गया है। विभागीय नियमानुसार, शिविर में भू-धारियों को जमाबंदी संख्या का ब्योरा, मालगुजारी रसीद की कापी, खतियान का नकल (अगर उपलब्ध हो तो) दावाकृत भूमि से संबंधित दस्तावेज का ब्योरा व आधार कार्ड की कापी के साथ शिविर में उपस्थित होना पड़ता है। इसके अलावा आवश्यकतानुसार मृत जमाबंदी रैयत का मृत्यु प्रमाणपत्र और वंशावली प्रपत्र भी भरकर जमा करना होगा।

दो चरणों में ये जिले होंगे शामिल

प्रथम चरण में बेगूसराय, लखीसराय, जहानाबाद, अररिया, सीतामढ़ी, सुपौल, पश्चिम चंपारण, शिवहर, बांका, शेखपुरा, सहरसा, कटिहार, पुर्णिया, मुंगेर, नालंदा, खगड़िया, अरवल, मधेपुरा, जमुई व किशनगंज के 89 अंचलों को शामिल किया जाएगा। शेष अंचलों में द्वितीय चरण में कार्य किया जाना तय किया गया है। द्वितीय चरण में मुजफ्फरपुर, रोहतास, बक्सर, भोजपुर, कैमुर, औरंगाबाद, नवादा, गया, पटना, वैशाली, पूर्वी चंपारण, सीवान, गोपालगंज, दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी, भागलपुर व सारण में विशेष सर्वेक्षण और बंदोबस्ती का कार्य होगा।

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