लड़खड़ाते कदमों ने तोड़ा ठंड का गुमान...कंपकंपाती सर्दी के बीच नगर निकाय चुनाव में बुजुर्ग करने पहुंचे मतदान
प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के दूसरा चरण में बुर्जर्गों का लोकतंत्र के इस त्योहार में अलग ही जज्बा देखने को मिला। बुधवार की सुबह मतदान केंद्रों की ओर बढ़ रहे लड़खड़ाते कदम लोकतांत्रिक पर्व की मौज में रहे। इस दौरान पारा 10 डिग्री से नीचे था। (फोटो जागरण)
मुजफ्फरपुर, अजय पांडेय: ठंडी, बर्फीली, सनसनाती... पोर-पोर को वेधती पछुआ। पारा 10 से नीचे...लेकिन शिखर पर चुनावी तापमान। उम्र को पछाड़ती काया...बेहतर कल का अरमान। बुधवार की सुबह मतदान केंद्रों की ओर बढ़ रहे लड़खड़ाते कदम लोकतांत्रिक पर्व की मौज में रहे।
पग-पग पर उमंग और तरंग है, वे जश्न मनाते चल रहे...घर-परिवार के लोग भी साथ-साथ हैं। आज इन कदमों ने ठंड का गुमान तोड़ दिया...हर मोड़ पर उसकी अकड़ टूट रही है। यह तस्वीर नगर निकायों के लिए हो रहे चुनाव में मतदान केंद्रों की है, जहां उम्र के आखिरी पड़ाव पर पहुंचे बुजुर्ग भी बेहतरी की उम्मीद लिए पहुंच रहे हैं।
गर्मी-ठंडी लगले रहल छई...
सीतामढ़ी के पुनौरा में मतदान करने आईं कलावती देवी के जज्बे को देख लीजिए...उन्हें उपनी उम्र का पता नहीं है। कहती हैं, कतै उमर हो गएल हे न पता ह। वैसे उनके आधार कार्ड पर जन्मवर्ष 1930 अंकित है। इस हिसाब से उनकी उम्र 92 वर्ष हुई। कितनी बार वोट दिया है, इसकी भी गिनती याद नहीं रही। कहती हैं कि गर्मी-ठंडी लगले रहल छई, भोट देबे के जरूरी रहलई ह ओसे दे देली। वह लोगों को वोट देने के लिए जागरूक भी कर रही हैं। समस्तीपुर के मवेशी अस्पताल मतदान केंद्र पर पहुंची बारह पत्थर निवासी 75 साल की सुशीला देवी का उत्साह उम्र पर भारी है। वह कुछ बोलती नहीं, पर उत्साह बताता है कि हार-जीत किसी की हो, असल जीत तो लोकतंत्र की ही होगी।
प्रेरणा बने दिव्यांग बुजुर्ग वैद्यनाथ
मुजफ्फरपुर की नगर पंचायत माधोपुर सुस्ता बूथ संख्या एक पर मतदान करने पहुंचे दिव्यांग बुजुर्ग वैद्यनाथ पासवान को देखकर प्रेरणा मिलती है। आज उनकी बैसाखी केवल जीवन को चलाने का आधार नहीं, लोकतंत्र के स्तंभ के रूप में दिख रही है। मोतिहारी नगर निगम क्षेत्र की महोदरी देवी तीन साल बाद 100 की हो जाएंगी। भरी ठंड में वार्ड-27 में उत्क्रमित विद्यालय भलुआ रघुनाथपुर में वोट डालने पहुंची हैं। कहती हैं कि उनकी पंचायत अब शहर हो गई है। गांव से शहर बनने की उम्मीद है। सड़क बनेगी, स्कूल-अस्पताल खुलेगा...नाती-पोता पढ़ने जाएंगे, इस उम्र में और क्या चाहिए?