Muzaffarpur News: पहली बार मक्का की क्लस्टर में होगी खेती, 254 Clusters से जुड़े 6011 किसान; दिए गए 16 विकल्प
मुजफ्फरपुर में छह हजार तीन सौ पचास हेक्टेयर में मक्का की खेती हो रही है। प्रभारी जिला कृषि पदाधिकारी शांतनु कुमार ने जानकारी दी है कि पहली बार खरीफ फसल में धान के साथ मक्का के बीज दिए जा रहे हैं। क्लस्टर बनाकर खेती की जा रही है। जिले में 254 क्लस्टर बने हैं इससे 6011 किसान जुड़ गए हैं।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। कृषि विभाग पहली बार खरीफ में धान की जगह मक्का के लिए किसानों को सहयोग कर रहा है। मक्का धान की तुलना में ज्यादा आर्थिक ताकत देगी। बाजार के लिए भी विभाग पहल करेगा।
इस बार सरकारी दर पर पैक्स के माध्यम से मक्का खरीद की रणनीति बन रही है। जिले में 254 क्लस्टर बने हैं इससे 6011 किसान जुड़ गए हैं। अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध कराया जा रहा है।
प्रभारी जिला कृषि पदाधिकारी शांतनु कुमार ने बताया कि पहली बार खरीफ फसल में धान के साथ मक्का का बीज दिया जा रहा है। क्लस्टर बनाकर खेती की जा रही है।
छह हजार तीन सौ पचास हेक्टेयर खेती हो रही है। किसान खेत में रासायनिक खाद की जगह गोबर और वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल करें। इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहती है। इसके अलावा अनाज की गुणवत्ता भी रहेगी।
अलग खेती के लिए किया जा रहा सहयेाग
जिला कृषि पदाधिकारी शांतनु ने बताया कि किसान धान, गेहूं, दलहन, तिलहन, आम, अमरूद, केला और आलू सहित कई तरह की पारंपरिक और बागवानी वाले फसलों की खेती करते हैं। इधर, अब किसानों का रुझान धीरे-धीरे मोटे अनाजों की तरफ बढ़ रहा है।
इसके लिए राज्य सरकार भी किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। विभाग खरीफ मक्का का रकबा बढ़ाने के लिए बीज पर सब्सिडी दे रहा है। 16 किस्मों पर सब्सिडी उपलब्ध है। किसान अपनी मर्जी के अनुसार किसी भी किस्म के मक्के का बीज अनुदान पर खरीद सकते हैं। मक्के की खेती के लिए हर राजस्व ग्राम में 25 एकड़ का क्लस्टर बना है।
आर्थिक मजबूती के लिए बेहतर मक्के की खेती
मक्के की खेती कर जलवायु परिवर्तन के दौर में फसल चक्र सुधारने में मदद मिलेगी और किसानों को अधिक मुनाफा होगा। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि किसानों को धान और गेहूं के फसल चक्र से निकालने और नकदी फसलों पर फोकस करने पर जोर दिया जा रहा है।
धान की खेती में पानी बहुत अधिक लगता है, जबकि मक्का कम पानी में अधिक उपज देता है। धान एक हेक्टेयर में अधिकतम 25 से 30 क्विंटल के बीच होता हैं, जबकि मक्का 40 से पचास क्विंवटल तक उपज देता है।
धान की खेती पर एक हेक्टेयर में अनुमानत: 55 हजार तथा मक्के की खेती पर 42 से 45 हजार खर्च आता है। मक्का में धान की अपेक्षा कम दवा का छिड़काव करना पड़ता है।
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