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Bihar News: लीची के बाग में आलू उगाया, एक धूर में निकला 32 किलो, जमकर हो रही कमाई

Bihar News इजराइल विधि से लीची व आम के बाग में फलन से पहले आलू व गेहूं की खेतील हो रही है। उद्यान रत्न किसान भोलानाथ झा ने बताया कि इजराइल तकनीकि सघन बागवानी के तहत आम व लीची का बाग लगाए है। नए लीची बाग में आलू उगा रहे हैं। अभी फरवरी महीने में आलू निकलेगी। इससे एक धूर में 32 किलो आलू निकला है।

By Amrendra Tiwari Edited By: Sanjeev KumarPublished: Sat, 13 Jan 2024 12:17 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jan 2024 12:17 PM (IST)
लीची के बाग में आलू उपजा दिया (जागरण)

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News: इजराइल विधि से लीची व आम के बाग में फलन से पहले आलू व गेहूं की खेतील हो रही है। उद्यान रत्न किसान भोलानाथ झा ने बताया कि इजराइल तकनीकि सघन बागवानी के तहत आम व लीची का बाग लगाए है। नए लीची बाग में आलू उगा रहे हैं।

एक धूर में 32 किलो आलू निकाला

अभी फरवरी महीने में आलू निकलेगी। इससे पहले ट्रायल के तौर पर एक धूर में 32 किलो आलू निकला है। चार साल के बाद लीची बाग में मंजर व फल आएगा। इसी तरह से नए आम के बाग में गेहूं लहलहा रहा है। जब तक मंजर आएगा उससे पहले वह हर साल बेहतर आमदनी करेंगे।

अब एक बीघा में 100 से ज्यादा पेड़ लगाते हैं

अभी दो एकड़ में लीची व दो एकड़ में आम का बाग इस साल लगाए हैं। एक बिगहा में पहले 40 से 50 पेड़ लगता था। नई विधि से 100 से ज्यादा पेड़ लगा सकते है। उन्होंने 200 आम व दो सौ लीची का पेड़ लगाया। बताया कि परंपरागत लीची के बाग में 25 फीट तक उंचाई हैं।

नई विधि से 10 से 12 फीट ही उंचाई रहेगी। इससे पूरे पेड़ के हर डाली में बेहतर फल आएगा। अभी आलू एक धूर में 32 किलो तक हैं। वह चालीस किलो तक जाएगा।

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