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Bihar News: वैशाली सांसद वीणा देवी वर्षों से मना रही हैं छठ, बिहार में सुख-शांति की मनोकामना लिए रखती हैं व्रत

Chhath Puja 2023 वैशाली सांसद वीणा देवी हर साल छठ मनाती हैं। विधिवत नहाय-खाय से पहले गांव जाकर पोखर की साफ-सफाई कराती हैं। नहाय-खाय खरना व भगवान सूर्य को अर्घ्य देती हैं। सांसद ने बताया कि बात 21 साल पहले की है उस समय छठी मइया से पुत्र प्राप्ति व उसके निरोग होने की कामना को लेकर व्रत शुरू किया था। यह सिलसिला 21 साल से जारी है।

By Amrendra TiwariEdited By: Prateek JainUpdated: Sat, 18 Nov 2023 08:48 PM (IST)
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खरना का प्रसाद बनाते हुए वैशाली सांसद वीणा देवी।

अमरेन्द्र तिवारी, मुजफ्फरपुर। वैशाली सांसद वीणा देवी हर साल छठ मनाती हैं। विधिवत नहाय-खाय से पहले गांव जाकर पोखर की साफ-सफाई कराती हैं। नहाय-खाय, खरना व भगवान सूर्य को अर्घ्य देती हैं।

सांसद ने बताया कि बात 21 साल पहले की है, उस समय छठी मइया से पुत्र प्राप्ति व उसके निरोग होने की कामना को लेकर व्रत शुरू किया था। यह सिलसिला 21 साल से जारी है। संकल्प है कि जब तक सामर्थ्य रहेगा, तब तक वह व्रत करती रहेंगी।

बताया कि उनकी कृपा से घर-परिवार में सब सुखी हैं। वह अपने साथ दूसरे व्रति‍यों की मदद भी करती हैं। क्षेत्र के साथ-साथ पूरे बिहारवासियों के मंगलकामना करती हैं। परिवार के सभी सदस्य इस पर्व में एक साथ मिलकर पूजा करते हैं।

सास ने छठ करने का दिलाया संकल्प : बेबी कुमारी

पूर्व विधायक बेबी कुमारी बताती हैं कि उनकी सास रामपरी देवी पहले छठ करती थीं। उन्होंने छठ करने का संकल्प 17 साल पहले दिलाया, उसके बाद से वह हर साल यह पर्व कर रही हैं। छठी मइया कि कृपा से हर कामना पूरी हो रही है।

बताया कि इस साल वह अपने क्षेत्र के साथ पूरे बिहार की जनता के सुखमय व शांतिमय जीवन की कामना के लिए व्रत कर रही हैं। वह हर साल अपने घर पर ही नहाय-खाय, खरना के साथ डूबते व उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं। 

इन्द्रा देवी बूढ़ी गंडक नदी किनारे हर साल करती हैं छठ

जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष इन्द्रा देवी कहती हैं कि वह 25 साल से छठी माता का व्रत कर रही हैं। उनकी सास ने छठ व्रत करने का संकल्प दिलाया था। वह उसको आगे बढ़ा रही हैं। हर साल सपरिवार नाजिरघाट माई स्थान के पास छठ पूजा करती हैं। पूरे परिवार का इस पर्व में सहयोग रहता है। आस-पास की महिलाएं भी शामिल होती हैं।

बताया कि वह जरूरतमंद छठ व्रती की सेवा व सहयोग करती रहती हैं। बताया कि यह एक ऐसा पर्व है इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

पूरे विधि-विधान से पर्व मनाने वाले की समस्त मनोकामना पूरी होती है। छठ घाट पर आकर व्रतियों की सेवा करने वाले को भी व्रत का फल मिलता है।

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