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जदयू ने आरसीपी सिंह को राज्यसभा नहीं भेजा तो क्या सीएम नीतीश की पार्टी में कुछ गड़बड़ी होगी ? ये संकेत क्या कह रहे

Rajya Sabha Election 2022 राजद ने राज्यसभा की दो सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम तय कर दिए। भाजपा व जदयू ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सबसे अधिक सस्पेंस केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह को फिर से राज्यसभा भेजने को लेकर है।

By Ajit KumarEdited By: Updated: Fri, 27 May 2022 12:45 PM (IST)
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आरसीपी सिंह को लेकर तरह-तरह की खबरें आ रही हैं। फाइल फोटो
सीतामढ़ी, संस। बिहार की राजनीति के तीन हाट टापिक हैं, जातीय जनगणना, राज्यसभा चुनाव और राजद-जदयू में गठबंधन। राज्यसभा चुनाव में दलीय स्थिति को देखते हुए जदयू के संदर्भ में मामला रोचक हो गया है। सीएम नीतीश कुमार की पार्टी अपने कोटे से क्या केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को फिर से राज्यसभा भेजेगी? यह सवाल सूबे की राजनीति का सबसे बड़ा सवाल है। जानकार भी इसका अपने-अपने हिसाब से विश्लेषण कर रहे हैं। एक विश्लेषण के अनुसार आरसीपी को राज्यसभा नहीं भेजने की कोई वजह नहीं है। वहीं दूसरे विश्लेषण में आरसीपी को भाजपा का करीबी बताते हुए उनके टिकट को काटे जाने की बात कही जा रही है। हालांकि उसके साथ यह भी जोड़ा जा रहा है कि यदि आरसीपी को ड्राप किया जाता है तो जदयू के अंदर विद्रोह की स्थिति हो सकती है। इस बीच जदयू के प्रदेश महासचिव सह शिवहर जिला संगठन प्रभारी राणा रणधीर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें आरसीपी सिंह का समर्थक बताया जा रहा है। इस संकेत को बड़े संदर्भ में इस बात से जोड़कर देखा जा रहा है कि यदि सीएम नीतीश कुमार उन्हें राज्यसभा नहीं भेजते हैं तो इसकी और भी प्रतिक्रिया सामने आ सकती है।

तरह-तरह के दावे किए जा रहे

केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के समर्थक माने जानेवाले जदयू के प्रदेश महासचिव सह शिवहर जिला संगठन प्रभारी राणा रणधीर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने दल से नहीं, पद से इस्तीफा दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमारे नेता हैं। उनके प्रति समर्पित सिपाही हूं। नेता से दूरी का सवाल ही नहीं उठता, लेकिन दलालों से दूरी है। क्या यह आरसीपी सिंह को राज्यसभा भेजने के लिए दबाव बनाने के लिए ऐसा किया जा रहा, इस सवाल को वे टाल गए। वहीं दूसरी ओर जदयू जिलाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह कुशवाहा ने दावा किया कि राणा रणधीर सिंह चौहान ने प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा से सौहार्दपूर्ण बातचीत होने के बाद त्यागपत्र वापस ले लिया है। हालांकि, राणा रंधीर सिंह ने इससे इन्कार किया। बताया कि इस्तीफे को राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह व प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने गंभीरता से लिया है। वे कारण जानना चाहते थे। कारण बता दिया है। कारण से वे भी सहमत हैं।  

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