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Bihar Land Survey: विशेष भूमि सर्वे में फंसा पेच, जमीन मालिकों के सामने खड़ी हुई ये समस्या

यहां करीब 50 हजार खेसरा रोक सूची में शामिल है। इसकी खरीद बिक्री पर रोक है। वहीं जिस जमीन को रोक सूची से हटा दिया गया है उसकी बिक्री के बाद जमाबंदी में पेच फंसा रहता है। यह स्थिति तब है जब पिछले साल तत्कालीन जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने जमीन के मामले के त्वरित निपटारा के अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी।

By Prem Shankar Mishra Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 22 Feb 2024 02:55 PM (IST)
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विशेष भूमि सर्वे में फंसा पेच, जमीन मालिकों के सामने खड़ी हुई ये समस्या

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। राज्य में विशेष भूमि सर्वेक्षण कार्य की तैयारी चल रही है। सर्वे के बाद खतियान के साथ जमीन का नया खाता-खेसरा व नक्शा बनेगा। इसकी तैयारी तो चल रही है, मगर कई स्तर पर इसमें पेच भी फंसा हुआ है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण जिले में जमीन की रोक सूची भी है। यहां करीब 50 हजार खेसरा रोक सूची में शामिल है।

इसकी खरीद बिक्री पर रोक है। वहीं जिस जमीन को रोक सूची से हटा दिया गया है उसकी बिक्री के बाद जमाबंदी में पेच फंसा रहता है। यह स्थिति तब है जब पिछले साल तत्कालीन जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने जमीन के मामले के त्वरित निपटारा के अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। कमेटी को रोक सूची की जमीन की समीक्षा के लिए कहा गया था।

जमीन की जमाबंदी कायम करने में लापरवाही

बिना उचित कारण सूची में शामिल ऐसी जमीन को हटाया जाना है। इससे वास्तविक रैयतों को परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। इसके अलावा जमीन की जमाबंदी कायम करने में लापरवाही भी एक कारण है। डीसीएलआर आफिस में कई मामले पेंडिंग हैं। इसमें ऐसी जमीन भी है जो रैयती है, मगर एक मौजे में खेसरा एक जैसा होने से भी कई जमीन रोक सूची में शामिल हो गई है।

इस जमीन के निबंधन में रैयतों को परेशानी हो रही है। जमीन के दाखिल-खारिज में सरकार के नियमों का कई स्तर से पालन नहीं हो रहा है। पहले आओ पहले पाओ का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। इसके अलावा बिना कारण बताए आवेदन खारिज कर दिया जा रहा है। वहीं आवेदन बाद में स्वीकृत भी हो जा रहा है। ये मामले वरीय अधिकारियों की जांच में आ चुके हैं।

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