Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

मुकेश सहनी तो गयो...बीजेपी के मंत्री ने वीआइपी सुप्रीमो के लिए की रोचक भविष्यवाणी

Bihar Assembly By-Election 2022 बिहार की एकमात्र बोचहां विधानसभा सीट के लिए होने जा रहे उपचुनाव से पहले राजनीतिक घमासान जारी है। आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं। इस बीच मुकेश सहनी के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी दावे और प्रतिदावे किए जा रहे हैं।

By Ajit KumarEdited By: Updated: Wed, 06 Apr 2022 08:27 AM (IST)
Hero Image
सभी पार्टियों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। चुनाव नजदीक आते ही बोचहां विधानसभा क्षेत्र (Bochahan assembly constituency) में राजनीतिक दलों की सक्रियता बहुत बढ़ गई है। प्रचार-प्रसार का काम अपने चरम की ओर बढ़ रहा है। इस बीच आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। कई तरह के दावे-प्रतिदावे भी किए जा रहे हैं। यहां तक सबकुछ सामान्य लग रहा है, लेकिन गौर से देखें तो बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochahan assembly by-election) दूसरे अन्य चुनावों से अलग है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इसमें भविष्यवाणियां बहुत की जा रही हैं। मसलन, क्या नीतीश कुमार (Nitish Kumar) इसके बाद दिल्ली चले जाएंगे? बिहार की राजनीति में नित्यानंद राय (Nityanand Rai) का क्या रोल होनेवाला है? राजद (RJD) की रजानीति की दिशा क्या होगी? इन तमाम मुद्​दों से इतर एक भविष्यवाणी वीआइपी सुप्रीमो मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) के राजनीतिक भविष्य के लिए भी की जा रही है। वैसे तो वीआइपी (VIP) और बीजेपी (BJP) दोनों की प्रतिष्ठा ही इस चुनाव में दांव पर लगी है, लेकिन मुकेश सहनी की नाव तैरती रहेगी या डूबेगी, यह बहुत हद तक इस चुनाव के बाद ही तय हो जाएगा। बिहार सरकार में पथ निर्माण विभाग के मंत्री नितिन नवीन (Nitin Naveen) ने भी उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर रोचक भविष्यवाणी की है।

ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको मुकेश सहनी ने ठगा नहीं

बोचहां विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। सभी प्रमुख विधायक व मंत्री यहां पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में मुजफ्फरपुर पहुंचे नितिन नवीन ने संवाददाताओं से कहा कि इस चुनाव के साथ एक बात तो तय है कि मुकेश सहनी ब्रांड आफ पालीटिक्स का अंत हो जाएगा। उन्होंने जिस स्तर पर जाकर राजनीति शुरू कर दी थी, उसका यहां अंत हो जाएगा। इसके आगे अब मुकेश सहनी की राजनीति नहीं चलने वाली है। वे सन आफ मल्लाह और निषाद समाज के हितैषी होने की बात करते हैं, किंतु व्यवहार में ऐसा कुछ भी नहीं दिखता है। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। गठबंधन की ओर से उन्हें जो सीटें दी गईं, उसको बांटते हुए उन्होंने कभी इस समाज के हित का ख्याल नहीं किया। उसी तरह से पशुपालन व मत्स्य विभाग के मंत्री रहते हुए उन्होंने सहनी समाज के हित की अनदेखी की है। इस बात को समाज के लोग भी अब समझने लगे हैं। इसलिए मुकेश सहनी की राजनीति का अंत तय है। वैसे भी ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको मुकेश सहनी ने ठगा नहीं वाली स्थिति है।

राजद की कहानी भी खत्म

नितिन नवीन ने राजद के बारे में कहा कि जिस दल के पास अपना प्रत्याशी न रहा हो, वह मुकाबला ही क्या कर सकता है? नामांकन से एक दिन पहले दूसरे दल से तोड़कर उन्होंने प्रत्याशी की व्यवस्था की है। इसलिए इस चुनाव में उनके लिए कुछ खास नहीं बचा है। उनकी राजनीति का अंदाज अवसरवादी वाला है। भाजपा की राजनीति हमेशा साथ देने वाली होती है। अभी हमारी सरकार यहां के लोगों की सेवा कर रही है और आने वाले दिनों में भी सेवा करती रहेगी। एनडीए की जीत पक्की है।  

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर