नीतीश कुमार ने जदयू कार्यकर्ताओं को मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा...बीजेपी का सीएम पर करारा प्रहार
BJP vs JDU सीएम नीतीश कुमार के राजद के साथ जाने के फैसले के बाद भाजपा लगातार हमले कर रही है। अब क्षेत्र में जदयू कार्यकर्ताओं की स्थिति को लेकर भाजपा ने नीतीश कुमार को घेरने की कोशिश की है।
By Ajit KumarEdited By: Updated: Sat, 27 Aug 2022 12:19 PM (IST)
मुजफ्फरपुर, [अमरेन्द्र तिवारी]। बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही विपक्षी भाजपा सीएम नीतीश कुमार पर लगातार हमले कर रही है। कभी जंगलराज के मुद्दे को लेकर तो कभी बेमेल गठबंधन को लेकर। अब जदयू कार्यकर्ताओं की असहज स्थिति को मुद्दा बनाकर भाजपा सीएम नीतीश कुमार को घेरने की कोशिश कर रही है। भाजपा के बिहार प्रदेश के उपाध्यक्ष और मुजफ्फरपुर से सांसद अजय निषाद ने कहा है कि सीएम नीतीश कुमार की पलटी मार राजनीति के कारण आज जदयू कार्यकर्ता कहीं के नहीं रह गए हैं। उन्हें जनता के सवालों के जवाब देने में परेशानी हो रही है।
कार्यकर्ताओं का भविष्य चौपट
सांसद अजय निषाद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इकबाल खत्म हो गया है। वे राजद के चंगुल में बुरी तरह से फंस गए हैं। इसका खामियाजा आने वाले चुनावों में जदयू कार्यकर्ताओं को भुगतना पड़ सकता है। मुजफ्फरपुर समेत सूबे के कई ऐसे जिले हैं जहां जदयू बेहतर स्थिति में है, लेकिन राजद के साथ गठबंधन में हाेने की वजह से वहां के कार्यकर्ताओं को मौका नहीं मिल सकेगा। उनका राजनीतिक भविष्य चाैपट हो जाएगा।
लोकसभा चुनाव में कम होंगी जदयू की सीटें अजय निषाद ने कहा कि अपने पद के लालच में नीतीश कुमार ने कार्यकर्ताओं का और पारंपरिक गठबंधन का ख्याल नहीं किया। भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड का स्वाभाविक गठबंधन था। जो जंगलराज के खिलाफ बना था। जनता ने उसे अपना बहुमत दिया, लेकिन नीतीश कुमार ने जनता के जनमत को ठुकरा दिया। धोखा दिया। सांसद ने कहा कि सबसे पहले तो लोकसभा चुनाव में ही इनकी सीटें कम हो जाएंगी। अभी 16 सांसद हैं। वे कम होकर तीन-चार पर सिमट जाएंगे। बांका में आरजेडी के जयप्रकाश यादव और वहां जेडीयू के गिरधारी यादव की राजनीति आमने-सामने है। सिवान में कविता सिंह पर खतरा है। इस सीट को राजद ने अल्पसंख्यक कोटे में डाल रखा है। वाल्मीकिनगर सीट कांग्रेस की सीट रही है।
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