Boat Accident Bihar: जान हथेली पर रखकर पार करते हैं नदी, एक पुल के लिए तरसे लोग; हादसों से भी नहीं लिया सबक
Boat Accident Bihar मुजफ्फरपुर के बेनीबाद ओपी क्षेत्र के मधुरपट्टी गांव की करीब एक हजार आबादी के लिए नाव ही सहारा है। शिक्षा स्वास्थ्य से लेकर हर जरूरत के लिए बागमती जैसी नदी पार करना मजबूरी है। पूर्व में भी वर्ष 2002 में भटगामा गांव के जगदीश साह के परिवार के पांच लोगों की मौत नाव हादसे में हो चुकी है।
By Santosh MishraEdited By: Prince SharmaUpdated: Fri, 15 Sep 2023 06:45 AM (IST)
गायघाट, संवाद सहयोगी। बेनीबाद ओपी क्षेत्र के मधुरपट्टी गांव की करीब एक हजार आबादी के लिए नाव ही सहारा है। शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर हर जरूरत के लिए बागमती जैसी नदी पार करना मजबूरी है। गांव में प्राथमिक स्कूल से अधिक की पढ़ाई नहीं होती। जन वितरण प्रणाली की दुकान भी इस गांव में नहीं है।
सभी काम में होने वाली परेशानी को देखते हूुए मधुरपट्टी के ग्रामीणों ने कई बार यहां घाट पर पुल निर्माण की मांग उठाई, मगर जनप्रतिनिधियों ने अब तक इस पर ध्यान नहीं दिया है।
पूर्व में भी वर्ष 2002 में भटगामा गांव के जगदीश साह के परिवार के पांच लोगों की मौत नाव हादसे में हो चुकी है। बता दें कि प्रतिदिन सुबह से शाम तक चार से पांच सौ लोग नाव से आवामन करते हैं। इसके बावजूद गांव में न मध्य विद्यालय हो सका और न ही जन वितरण प्रणाली की दुकान।
मधुरपट्टी घाट पर नाव पलटने के
हादसे में बचाए गए सात लोगों का गायघाट समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में इलाज किया गया। इनमें मधुरपट्टी के मो. मोथीब की पत्नी बिपत खातून व पुत्री नसीमा, सुबोध चौपाल की पत्नी रेखा देवी, बिनोद चौपाल की पत्नी रेखा देवी, मो. नसीद की पुत्री निरखत परवीन, मो. अबादुल की पत्नी शाहजहां, मो. अजीबुल की पत्नी निखत शामिल हैं।