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Sitamarhi News: इधर गोलियां चल रही थीं और लहूलुहान डॉक्टर ने फोन करके डाॅ. प्रवीण से मांगी मदद, जान‍िए पूरा मामला

Sitamarhi Crime डॉक्टर को तीन नहीं चार गोलियां मारी उनका इलाज कर रहे डॉक्टर प्रवीण ने दी जानकारी डॉक्टर व ड्राइवर ने भी दिखाई दिलेरी फोन सुनकर मदद को दौड़े डा. प्रवीण ने भी न की जान की परवाह।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Updated: Thu, 26 Aug 2021 07:56 PM (IST)
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नवजीवन अस्पताल में चिकित्सारत डॉ. शिवशंकर महतो के साथ डॉ. प्रवीण कुमार तथा डेंटल सर्जन डॉ. सुरेश कुमार। जागरण

सीतामढ़ी, जासं। डुमरा सर्किट हाउस के ठीक सामने डॉ शिव शंकर महतो पर उनके क्लीनिक गोलीबारी में लहूलुहान डॉक्टर और उनके ड्राइवर ने बड़ी दिलेरी दिखाई। उनकी मदद के लिए पहुंचे लोगों ने भी जान की परवाह न की। उनमें एक नाम डॉक्टर प्रवीण कुमार का भी है, जो गोलीबारी के बीच ही मदद के लिए खुद दौड़ पड़े और अपनी बिरादरी के मित्रों के साथ पुलिस को भी इंफॉर्म कर दिया।

नवजीवन हॉस्पीटल में भर्ती डॉ. शिवशंकर का इलाज कर रहे डॉ. प्रवीण का कहना है कि सबसे पहले डॉक्टर साहब ने मुझको फोन किया और बताया कि अपराधियों ने गोली मार दी है, मैं अपने ऑपरेशन थिएटर में छुपकर फोन कर रहा हूं, जल्दी आइए। डॉ. प्रवीण के मुताबिक तब 12 बजकर आठ या नौ मिनट हो रहे थे। चार गोली लग चुकी थी उनको, बावजूद उन्होंने हिम्मत करके फोन मिलाया। एक गोली दाहिनी तरफ छाती में, दूसरी बायें हाथ की तलहथी में, तीसरी दाहिने घुटने के पास तथा चौथी गोली दाहिनी तरफ कंधे में लगी, जो उनके स्कीन को छूकर निकल गई। 7.9 बोर की गोली थी। कोई गोली उनके शरीर में नहीं फंसी थी। छाती में लगी गोली भी आर-पार कर गई। इस स्थिति में डॉक्टर साहब कराहते हुए बोल रहे थे तो मैंने पूछा-क्या हुआ बॉस? उन्होंने बताया कि गोली मार दी है अपराधियों ने। जल्दी आइए। इतने में और दो गोली चलने की आवाज मुझको सुनाई पड़ती है। मैं कपड़ा पहना, अपने ड्राइवर को फोन करके बुलाया। अपने हॉस्पीटल में फोन किया और स्टाफ को भी दौड़ाया कि देखो वहां गोली चल रही है। इसके बाद मेहसौली ओपी इंचार्ज को भी फोन करके बताया कि जल्दी पहुंचिए डॉ. महतो के क्लीनिक पर गोली चल रही है।

लेकिन, पुलिस से पहले मैं पहुंच गया। तब देखा कि कुछ लोग डॉक्टर साहब को गाड़ी में बैठा रहे हैं। उनको लेकर अपने हॉस्पीटल आ गया। गाड़ी में से ही मैंने आइएमए सेक्रेटरी डॉ. युगल को फोन कर दिया था। डॉ. वरुण कुमार को भी फोनकर बुलाया। कई अन्य डॉक्टर्स व एनेस्थेसिया वाले को भी फोन किया। चूंकि, कोई रिस्क नहीं लेना था। अस्पताल में आते ही डॉक्टर साहब को मैंने वेंटिलेटर पर डाला। ब्लड लिया और तुरंत उनको चेस्ट ट््यूब डाला। फिर 10-15 मिनट में डॉक्टर वरुण भी आ गए। और भी डॉक्टर्स पहुंच गए। वरुण जी भी अपने स्तर से देखा-सुना और एक ट््यूब और दिया उन्होंने। उसके बाद मरीज को आइसीयू में शिफ्ट कर दिए हम लोग। फिर सभी लोग बैठे। रात में ही कई नेता व पुलिस के तमाम पदाधिकारी हॉस्पीटल पहुंच गए थे। सबने देखा-सुना। एसपी ने रात में ही मरीज का बयान भी ले लिया। उसके बाद घटनास्थल पर छानबीन भी शुरू हो गई थी। नर्सिंग होम के पास के सीसीटीवी चेक किया जाने लगा।

डॉक्टर प्रवीण ने यह भी बताया कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान डॉक्टर साहब की कार के ड्राइवर प्रभास ने बड़ी हिम्मत और दिलेरे दिखाई। हमलावर बदमाशों को घेरने की पूरी कोशिश की। कार से ही बदमाशों को कुचलने का पूरा प्रयास भी किया। जिससे कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। अब समझिए सामने लोडेड हथियारों से लैस अपराधी और कार में निहत्था ड्राइवर ने अपनी जान की परवाह न करते हुए कितनी दिलेरी से काम लिया होगा। उसी तरह डॉक्टर साहब ने भी हिम्मत और हौंसले से काम लिया। गोलियां लगने के बावजूद अपने क्लीनिक में घुस गए और खुद को सुरक्षित करते हुए उस हाल में फोन भी कर लिया। जबकि, अपराधियों ने उनकी लाईसेंसी रिवाल्वर भी छीन ली थी।