बिहार सरकार 9 जिलों में लोगों से वसूलेगी करोड़ों रुपये! CAG की रिपोर्ट में खुलासे के बाद केंद्र सरकार ने कहा- पैसे लौटाओ
बिहार में कैग की रिपोर्ट में करोड़ों रुपये की गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। इसे लेकर केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। केंद्र की ओर से बिहार सरकार को कहा गया है कि संबंधित रकम को वसूलकर वापस लौटाए। अब ऐसे में बिहार सरकार ने योजनाओं में हुए खर्च का लेखा-जोखा तलब कर लिया है। ऐसे में सरकार अपात्र लोगों को दी गई रकम को वसूल सकती है।
प्रेम शंकर मिश्रा, मुजफ्फरपुर। राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के तहत उपलब्ध कराई गई राशि में देश के कई राज्यों में करोड़ों की गड़बड़ी की गई। वित्तीय वर्ष 2017 से 2021 तक करीब डेढ़ सौ करोड़ की गड़बड़ी की बात महालेखाकार की रिपोर्ट में आई है।
इसमें करीब 80 करोड़ रुपये ऐसे लोगों में वितरित कर दिए गए जो इसके पात्र नहीं थे। रिपोर्ट के बाद राशि का लेखा-जोखा मांगा जा रहा है। इसमें मुजफ्फरपुर समेत बिहार के भी नौ जिले शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने लिखा पत्र
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की आर्थिक सलाहकार कल्याणी मिश्रा ने बिहार के सामाजिक सुरक्षा कल्याण विभाग के सचिव को पत्र लिखकर राशि की वसूली का आग्रह किया है।
इसके आलोक में सामाजिक सुरक्षा निदेशक प्रशांत कुमार सीएच ने नौ जिलों के सहायक निदेशक से योजनावार अनधिकृत व्यय राशि जमा कराने को कहा है।
कैग की रिपोर्ट में क्या है?
महालेखाकर की रिपोर्ट के अनुसार, उक्त वित्तीय वर्षों में 57,394 ऐसे लोगों को वृद्धावस्था पेंशन दी गई, जिनकी उम्र 60 वर्ष से कम थी। इसमें 30.47 करोड़ की गड़बड़ी हुई।
यही नहीं 38,540 महिलाओं को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन (आइजीएनडब्ल्यूपीएस) योजनाओं का गलत तरीके से लाभ दिया गया। इनकी उम्र 40 वर्ष से कम थी।
इस तरह 26.45 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की गई। इसी तरह दिव्यांगों की पेंशन में भी लगभग 20 करोड़ की गड़बड़ी पकड़ी गई।
80 करोड़ रुपये से अधिक की गड़बड़ी
26 हजार से अधिक अपात्र लोगों में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना की राशि वितरित कर दी गई। इसके अलावा एक ही व्यक्ति को दो योजनाओं की पेंशन में करीब 3.55 करोड़ रुपये की गड़बड़ी पकड़ी गई।
इस तरह 80 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी इन योजनाओं में की गई। महालेखाकार की रिपोर्ट के अनुसार छह राज्यों में एनएसएपी मद की बड़ी राशि का दूसरी योजना में विचलन कर दिया गया।
इन जिलों से मांगी गई रिपोर्ट
मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, भागलपुर, रोहतास, सहरसा, कटिहार, नवादा एवं कैमूर।
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