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मुजफ्फरपुर के 77 बीपीएससी शिक्षकों के सर्टिफिकेट संदिग्ध, आदेश के बाद मचा हड़कंप; 48 घंटे के अंदर...

बहाली की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी शिक्षकों का वेतन भुगतान नियुक्ति के अगले माह शुरू कर दिया गया। अब धीरे-धीरे कागजात की जांच शुरू की गई। वर्तमान में सीटेट व 10वीं के अंक पत्रों की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में 21 शिक्षकों के 10वीं के अंक पत्र और 57 के सीटेट के अंक पत्र संदिग्ध पाए गए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 25 Jun 2024 01:51 PM (IST)
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मुजफ्फरपुर के 77 बीपीएससी शिक्षकों के सर्टिफिकेट संदिग्ध, आदेश के बाद मचा हड़कंप

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से प्रथम चरण में बहाल एक हजार 625 शिक्षकों के प्रमाणपत्र अस्पष्ट तो 77 शिक्षकों के संदिग्ध पाए गए हैं। संदिग्ध प्रमाणपत्र का मामला आने के बाद से जहां विभाग अलर्ट हो गया है वहीं शिक्षकों में हड़कंप है। डीपीओ स्थापना नासिर हुसैन ने 48 घंटे के अंदर मूल कागजात के साथ उपस्थित होने का आदेश ऐसे सभी शिक्षकों को दिया है।

विदित हो कि बीपीएससी से प्रथम फेज में जिले में 6100 से अधिक शिक्षकों की बहाली हुई। शिक्षकों के चयन होने के बाद सभी को काउंसलिंग में बुलाया गया। इसमें कागजात की जांच नहीं की गई। फार्म भरने के समय अपलोड किए गए सभी कागजात ही लिए गए।

बहाली की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी शिक्षकों का वेतन भुगतान नियुक्ति के अगले माह शुरू कर दिया गया। अब धीरे-धीरे कागजात की जांच शुरू की गई। वर्तमान में सीटेट व 10वीं के अंक पत्रों की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में 21 शिक्षकों के 10वीं के अंक पत्र और 57 के सीटेट के अंक पत्र संदिग्ध पाए गए हैं।

396 शिक्षकों के सीटेट व एसटेट अस्पष्ट

अस्पष्ट प्रमाण पत्र वाले बीपीएससी शिक्षकों की संख्या 1 हजार 625 बताई जा रही है। इसमें एक हजार 229 शिक्षकों के 10वीं के अंक पत्र अस्पष्ट पाए गए हैं, वहीं 396 शिक्षकों के सीटेट व एसटेट के अंक पत्र अपठनीय हैं।

इन शिक्षकों को 48 घंटे के अंदर मूल कागजात के साथ उपस्थित होना है। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आवश्यक कागजात के साथ उपस्थित नहीं होने की स्थिति में विभाग संदिग्ध मानकर कार्रवाई करेगा।

बायोमीट्रिक जांच में छह शिक्षक फर्जीवाड़ा में पकड़े गए थे

बीपीएससी शिक्षक बहाली में दूसरे की जगह परीक्षा पास करने का मामला भी पकड़ में आया। परीक्षा का अंतिम परिणाम आने के बाद जब नियुक्त शिक्षकों की बायोमेट्रिक जांच कराई गई तो इसमें कई फर्जीवाड़ा में पकड़े गए।

जिले में ऐसे छह शिक्षक निकले। उनकी जगह दूसरे परीक्षार्थी ने परीक्षा दी थी। जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद इन्हें सेवा से हटा दिया गया है।

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