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बिहार में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर शराब के रैपर की पहनाई माला, चार दिनों में दूसरी बार बापू का अपमान

East Champaran पूर्वी चंपारण के तुरकौलिया में हुई घटना। चार दिनों के अंदर-अंदर महात्मा गांधी की प्रतिमा को अपमानित करने की यह दूसरी घटना है। प्रतिमा की सुरक्षा को चौकीदार की हुई प्रतिनियुक्ति। इस घटना में अज्ञात पर केस दर्ज कर जांच की जा रही है।

By Ajit KumarEdited By: Updated: Thu, 17 Feb 2022 05:47 PM (IST)
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इस मामले में शरारती तत्वों को चिह्नित कर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। प्रतीकात्मक फोटो

मोतिहारी (पूर्वी चंपारण), जासं। बिहार में पूर्वी चंपारण जिले के तुरकौलिया थाना क्षेत्र में ऐतिहासिक गांधी घाट पर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा को शराब का रैपर पहनाकर अपमानित किया गया। बापू की कर्मभूमि में बीते चार दिनों के अंदर उनकी प्रतिमा को अपमानित करने की यह दूसरी घटना है। इससे लोगों में आक्रोश है। इस बीच बुधवार को जनता दरबार के दौरान तुरकौलिया पहुंचे एसपी डा. कुमार आशीष ने थानाध्यक्ष को प्रतिमा की सुरक्षा के लिए जवानों की तैनाती व शरारती तत्वों को चिह्नित कर कार्रवाई का निर्देश दिया है। इसके बाद थानाध्यक्ष ने प्रतिमा की सुरक्षा के लिए चौकीदार व होमगार्ड के जवानों को तैनात कर दिया है। इस मामले में अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। 

बापू ने निलहों के खिलाफ एक सभा की थी
गौरतलब है कि बीते रविवार की देर रात मोतिहारी के चरखा पार्क के पास स्थापित गांधी जी की प्रतिमा तोड़ी गई थी। यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि प्रतिमा के अपमान की दूसरी घटना हो गई। तुरकौलिया के इसी स्थल पर नीम के पेड़ के नीचे बापू ने निलहों के खिलाफ एक सभा की थी। इसकी याद में यहां गांधी घाट का निर्माण किया गया था।

सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग
पहले मामले में तो पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए 12 घंटे के अंदर-अंदर घटना को अंजाम देने वाले को गिरफ्तार कर लिया था। उसकी पहचान बेलीसराय मोहल्ला निवासी सुरेश कुमार मिश्रा के पुत्र राजा उर्फ राजकुमार मिश्रा के रूप में हुई थी। वह मैकेनिक है और व्हाइटनर से नशा करता है। आरंभिक पूछताछ के दौरान उसने बताया था कि उसने नशे में ही इस घटना को अंजाम दिया था। अब देखने वाली बात यह है कि पुलिस तुरकौलिया वाले मामले में क्या कार्रवाई करती है। इसके दोषियोें को कब तक पकड़ती है। हालांकि इस तरह की घटनाएं चिंताजनक है। चंपारण गांधी की कर्मभूमि रही है। वहां उनकी प्रतिमा का अनादर करना सामाजिक मूल्यों में कमी की ओर इशारा कर रहा है। इस तरह की घटना पर यहां के गांधीवादी विचारधारा के लोगों ने अफसोस प्रकट किया है। साथ ही प्रशासन से सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है।  

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