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Mota Anaj Kheti: मोटा अनाज बनाएगा किसानों को धनवान, बिहार के इस जिले में 6740 एकड़ में की जाएगी खेती

प्रभारी जिला कृषि पदाधिकारी शांतनु कुमार ने बताया कि मोटा अनाज की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को विभाग हर मदद कर रहा है। पुराने जमाने में मोटा अनाज की खेती होती थी। बाद के दिनों में धान-गेहूं ज्यादा किसान उपजाने लगे। एक बार फिर उनको मोटा अनाज के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। अबतक 270 क्लस्टर का निर्माण किया गया है।

By Amrendra Tiwari Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 04 Jul 2024 01:13 PM (IST)
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मोटा अनाज बनाएगा किसानों को धनवान (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जागरण संवादाता, मुजफ्फरपुर। मोटा अनाज अब किसानों को धनवान बनाएगा। जिले में इसकी नियोजित खेती को लेकर कृषि विभाग सजग हो गया है। मोटा अनाज के बीज के साथ अलग से खेती के लिए दो हजार रुपये आर्थिक मदद दी जा रही है। हर प्रखंड में क्लस्टर बनाकर खेती होगी।

विभाग के अनुसार खाद्य एवं पोषण सुरक्षा कृषोन्नति योजना और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत न्यूटी पोषक अनाज कार्यक्रम वर्ष 2024-25 के तहत क्लस्टर का निर्माण किया गया है।

प्रभारी जिला कृषि पदाधिकारी शांतनु कुमार ने बताया कि मोटा अनाज की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को विभाग हर मदद कर रहा है। पुराने जमाने में मोटा अनाज की खेती होती थी। बाद के दिनों में धान-गेहूं ज्यादा किसान उपजाने लगे। एक बार फिर उनको मोटा अनाज के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। अबतक 270 क्लस्टर का निर्माण किया गया है।

किसान को विभाग निकौनी, पटवन का खर्च उठा रही है। उत्पादन के बाद बाजार दिलाने के लिए पहल होगी। किसान को मोटा अनाज यानी मड़ुआ, चीना, कौनी, बाजरा व ज्चार का बीज दिया जा रहा है। किसानों को हर तकनीकी सहयोग दिया जा रहा है। हर क्लस्टर में 25 एकड़ जमीन शामिल की गई है।

पहली बार मोटे अनाज की खेती को लेकर खरीफ मौसम का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। खेती मद के लिए किसानों को 2000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इसे किसान अपनी मर्जी के अनुसार खेती के लिए खर्च कर सकेंगे। मोटा अनाज की खेती 6,740 एकड़ में की जाएगी।

किसानों को मोटा अनाज के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। खेती के लिए नकद राशि दी जाएगी। हर तरह से तकनीकी सहयोग व बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा। - शांतनु कुमार, प्रभारी जिला कृषि पदाधिकारी

मुजफ्फरपुर की माटी पर फला बांग्लादेशी आम

बांग्लादेश में उगाया जाने वाला बनाना मैंगो यहां लगाया गया। सरैया के भटौलिया स्थित मुजफ्फरपुर वाटनिकल शोध संस्थान परिसर में लगे बनाना मौंगो में फल आया हैं। शोध संस्थान के संस्थापक अविनाश कुमार ने बताया कि उनके शोध संस्थान में बांग्लादेश से पांच प्रजातियों के आम को को पिछले साल लाकर शोध कर रहे हैं। बनाना मैंगो में पहली बार फल लगा है। जिसे देखने लोग दूर दूर से लोग पहुंच रहे है।

आम की लंबाई लगभग आठ इंच से ज्यादा है वहीं एक फल का वजन अभी 500 ग्राम से ज्यादा है। इस वेरायटी की संख्या वह अपने बाग में बढायेंगे। सरैया किसान फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा ग्राफ्टिंग कर किसान को अगले वर्ष से उपलब्ध भी कराया जाएगा। बताया कि उनके संस्थान परिसर में देसी और विदेशी मिलाकर 100 से भी ज्यादा आम की किस्में उगाई जा रही हैं।

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