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Darbhanga Junction Blast: मिथिलांचल में आतंकी कनेक्शन खंगाल रहीं सुरक्षा एजेंसियां

चार जून 2009 को दिल्ली के कुतुबमीनार के मुख्य द्वार पर लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी मदनी की गिरफ्तारी हुई थी। वह मधुबनी जिले के बासोपट्टी थाना क्षेत्र के बालकटवा गांव का है। दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट से जमानत मिलने के बाद से फरार है।

By Ajit KumarEdited By: Updated: Fri, 02 Jul 2021 09:09 AM (IST)
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इंडियन मुजाहिद्दीन और लश्कर के बीच रहे हैैं गहरे संपर्क ।
दरभंगा, जासं। जंक्शन ब्लास्ट में हैदराबाद से लश्कर-ए-तैयबा ( एलएटी) के दो आतंकियों की गिरफ्तारी बाद उमर मदनी चर्चा में है। चार जून 2009 को दिल्ली के कुतुबमीनार के मुख्य द्वार पर लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी मदनी की गिरफ्तारी हुई थी। वह मधुबनी जिले के बासोपट्टी थाना क्षेत्र के बालकटवा गांव का है। दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट से जमानत मिलने के बाद से फरार है। ऐसी स्थिति में मिथिलांचल के आतंकी कनेक्शन को फिर खंगाला जा रहा है। फरवरी 2020 में उसके काशी में होने की सूचना थी। उमर मदनी उर्फ उमेर समस उर्फ मदनी उर्फ मौलाना उमर उर्फ अब्दुल्लाह उर्फ अकबर उर्फ साजिद के नाम से ठिकाना बदल रहा है। असली ठिकाना नेपाल के सप्तरी जिले के माहुली बाजार में रहा है। पाकिस्तान से प्रशिक्षित होने के बाद उसने कई घटनाओं को अंजाम दिया। पूछताछ में पता चला था कि उसने इंडियन मुजाहिद्दीन (आइएम) के संस्थापक यासीन भटकल को वर्ष 2006-07 में ठिकाना दिया था। मधुबनी के बासोपट्टी में रहने के बाद भटकल ने अपना ठिकाना दरभंगा के लहेरियासराय, सदर और मब्बी थाना क्षेत्र में बनाया था। मदनी के नेपाल ठिकाने पर भटकल का आना-जाना था। दोनों की दोस्ती से साफ हो चुका है कि मिथिलांचल में लश्कर-ए-तैयबा और इंडियन मुजाहिद्दीन का गहरा रिश्ता है। 

अजमल को भी दिया था ठिकाना

मदनी ने पाकिस्तानी आतंकी को ठिकाना दिया था। जामा मस्जिद विस्फोट में दिल्ली स्पेशल ब्रांच ने मधुबनी जिले के सकरी निवासी अब्दुल गयूर जमाली को 24 नवंबर 2011 को नकली पासपोर्ट, संदिग्ध गतिविधि व जाली नोट के मामलों में यहां के दरबार टोला से पकड़ा था। उसकी निशानदेही पर मधुबनी शहर के ङ्क्षसघानियां चौक स्थित एक किराए के मकान से मो. अजमल को पकड़ा था। अजमल के पाकिस्तानी आतंकी और आइएम के सदस्य होने के प्रमाण मिलने पर जांच एजेंसी हैरान रह गई थी।

मदनी के घर पर तीन बार चस्पाए गए इश्तेहार

मदनी के घर पर ईडी ने तीन बार इश्तेहार चस्पाया। अंतिम बार 9 जुलाई 2019 को चस्पाया गया। उस पर दिल्ली के स्पेशल सीबीआइ कोर्ट से वारंट है।

आर्थिक मदद देता है मदनी

उमर मदनी आतंकी संगठनों को आर्थिक मदद करता है। वह नकली नोट का धंधा करता है। गिरफ्तारी के दौरान उसके बैग से नेपाली मुद्रा, अमेरिकी डॉलर सहित 25 हजार के नकली नोट मिले थे। उसके कागजात और डायरी से पता चला था कि वह जेहाद के नाम पर आतंकी गतिविधि में युवाओं को भर्ती करता है।

मधुबनी से ही पकड़ाया था कमाल

मुंबई लोकल ट्रेन सीरियल विस्फोट में 20 जुलाई 2006 को मधुबनी जिले के बासापेट्टी पश्चिमी पंचायत निवासी मो. कमाल अंसारी को स्थानीय बाजार से गिरफ्तार किया गया था। चर्चा है कि कि मदनी ने उसे तैयार किया था।  

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