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Nitish Kumar के राज में सैलरी का 'खेल'! सरकारी खजाने से कट रहे 24 हजार; मगर कर्मचारियों को मिल रहे 13 हजार

सरकार से जितनी राशि भेजी जा रही उससे 11 हजार रुपये कम कर्मी को भुगतान हो रहा है। यह खेल स्वास्थ्य विभाग में आउटसार्सिंग के नाम पर डाटा एंट्री ऑपरेटर देने वाली एजेंसी कर रही है। विभाग से मिल रही राशि में कटौती कर रही है। सरकार के खाते से 24 हजार 68 रुपये कट रहे हैं मगर डाटा एंट्री ऑपरेटर को 13 हजार 266 रुपये ही मिल रहे हैं।

By Amrendra Tiwari Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 18 Jun 2024 03:35 PM (IST)
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Nitish Kumar के राज में सैलरी का 'खेल'! (फोटो- जागरण)

अमरेन्द्र तिवारी, मुजफ्फरपुर। किसी योजना की पूरी राशि लाभुक तक पहुंचाने के लिए सरकार के स्तर से खाते में इसे भेजना शुरू किया गया है। इससे कुछ हद तक भ्रष्टाचार पर लगाम लगी। दूसरी ओर सरकारी व्यवस्था में आउटसोर्सिंग के तहत काम करने वालों को दी जाने वाली राशि में बड़ा खेल हो रहा है।

सरकार से जितनी राशि भेजी जा रही उससे 11 हजार रुपये कम कर्मी को भुगतान हो रहा है। यह खेल स्वास्थ्य विभाग में आउटसार्सिंग के नाम पर डाटा एंट्री ऑपरेटर देने वाली एजेंसी कर रही है।

विभाग से मिल रही राशि में कटौती कर रही है। सरकार के खाते से 24 हजार 68 रुपये कट रहे हैं, मगर डाटा एंट्री ऑपरेटर को 13 हजार 266 रुपये ही मिल रहे हैं। जिला स्वास्थ्य समिति, सिविल सर्जन कार्यालय से लेकर सदर अस्पताल व पीएचसी तक 160 डाटा एंट्री ऑपरेटर सेवा दे रहे हैं।

सदर अस्पताल में 18 डाटा एंट्री ऑपरेटर काम कर रहे हैं। जिला स्वास्थ्य समिति में तीन व सिविल सर्जन कार्यालय में एक ऑपरेटर सेवा दे रहे हैं। इसके साथ पीएचसी में औसतन जरूरत के अनुसार पांच से 10 ऑपरेटर आउटसोर्सिंग एजेंसी के जरिए काम कर रहे हैं।

एजेंसी ने कहा, जीएसटी, ईपीएफ आदि के कारण कटौती

पिछले सात वर्षों से आउटसोर्सिंग एजेंसी से डाटा एंट्री ऑपरेटर की सेवा ली जा रही है। इस दौरान दो एजेंसियों से काम लिया गया। समय-समय पर सरकार की ओर से उन्हें मिलने वाली राशि बढ़ाई गई। आउटसोर्सिंग एजेंसी के जिला समन्वयक नीतीश कुमार सिंह ने बताया कि डाटा एंट्री ऑपरेटर को जो राशि दी जा रही है, उसमें से ईपीएफ, जीएसटी की कटौती की जा रही है।

जब उनसे सवाल किया गया कि 11 हजार की कटौती कहां हो रही है तो वह जवाब नहीं दे पाए। कहा, एक बार और एजेंसी की ओर से डाटा एंट्री ऑपरेटर को पटना बुलाया गया है। एक डाटा ऑपरेटर ने बताया कि समय पर मानदेय का भुगतान नहीं हो रहा है। इससे समस्या रहती है। कहीं भी लिखित शिकायत की जाती है तो काम से हटाने की बात कही जाती है।

बताया कि सरकार की ओर से आउटसोर्सिंग एजेंसी की मानदेय की राशि बढ़ा दी जाती हैं। उसका लाभ नहीं मिल पाता है। उसके अनुसार ईएसआइ के नामपर राशि तो काटी जाती है, मगर उनका कार्ड बना न कहीं इलाज होता है।

कम से कम 15,600 का होना है भुगतान

स्वास्थ्य विभाग के एजेंसी के साथ हुए करार में एक डाटा इंट्री आपरेटर को कम से कम 15,600 रुपये प्रतिमाह का भुगतान सीधे मानदेय के रूप में करना है। छह सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 26 दिनों का यह मानदेय तय किया गया है, लेकिन इतनी राशि भी नहीं दी जा रही है।

एजेंसी को समय पर सरकार की ओर से तय राशि का भुगतान किया जा रहा है। डाटा एंट्री ऑपरेटर की ओर से शिकायत नहीं की गई है। अगर उनकी शिकायत आएगी तो संबंधित एजेंसी की समीक्षा की जाएगी। - डॉ. अजय कुमार, सिविल सर्जन

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