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Muzaffarpur News: बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में परीक्षा रिकॉर्ड रहेंगे सुरक्षित, नए हॉल में शिफ्ट हुआ डिग्री सेक्शन

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय का डिग्री सेक्शन नए हॉल में शिफ्ट हो गया है। इस नए हॉल का उद्घाटन कुलपति प्रो. डीसी राय ने फीता काटकर किया है। इस हॉल में 70 वर्ष से अधिक पुराने व मौजूदा परीक्षाओं के टीआर को संरक्षित करने की दिशा में मदद मिलेगी। इसके साथ ही टीआर मेंटेन और डिजिटल वैरिफिकेशन विवि प्रशासन को आसानी होगी।

By Jagran NewsEdited By: Subhash Gariya Updated: Tue, 04 Jun 2024 08:21 PM (IST)
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बीआरए बिहार विश्वविद्यालय को मिला नया डिग्री सेक्शन

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में डिग्री सेक्शन को नए हॉल में शिफ्ट किया गया है। कुलपति प्रो. डीसी राय ने मंगलवार को नए हॉल का फीता काटकर उद्घाटन किया। इससे 70 वर्ष से अधिक पुराने व मौजूदा परीक्षाओं के टीआर को संरक्षित करने की दिशा में मदद मिलेगी। अब नए हॉलसे ही डिग्री वेरीफिकेशन समेत अन्य कार्य होंगे।

टीआर का रखरखाव होगा आसान

कमरा नंबर 15 में टीआर को स्टोर किया गया है। यहां बनी बड़ी-बड़ी रैक पर स्टोर कर इसका आसानी से रखरखाव किया जा सकेगा। इससे पहले डिग्री सेक्शन के पीछे वाले कमरे में कम जगह होने के कारण टीआर के रखरखाव में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।

टीआर के ढेर से वर्षों पुराने रिकार्ड को खोजना कर्मचारियों के लिए परेशानी वाला कार्य बन गया था। साथ ही कम जगह होने के कारण बेहतर रखरखाव नहीं होने से टीआर फटने भी लगे थे। बड़े हॉलमें रैक की सुविधा होने से अब टीआर को खोजने में अधिक परेशानी नहीं होगी। वर्षवार से लेकर स्नातक, पीजी, वोकेशनल व अन्य परीक्षाओं के रिकार्ड आसानी से प्राप्त किए जा सकेंगे।

रिकार्ड मेंटेन करने में होगी आसानी

नए हॉलमें टीआर को शिफ्ट करने से परीक्षा विभाग के कार्यों में आसानी होगी। इससे जहां एक तरफ छात्र-छात्राओं का रिकार्ड मेंटेन रहेगा तो दूसरी ओर वर्षवार अलग-अलग रिकार्ड उपलब्ध होने से इसे उपलब्ध कराने में आसानी होगी।

अगर कोई छात्र अपने पेंडिंग रिजल्ट में सुधार करने के लिए पहुंचता है या किसी ने सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया है तो उस आधार पर रिकार्ड से मिलान कर जल्दी से इसे खोज पाना आसान होगा। पेंडिंग की समस्या जल्द दूर हो जाएगी। साथ ही डिग्री भी पहले की अपेक्षा कम समय में उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है।

डिजिटल टीआर से वेरीफिकेशन होगा आसान

परीक्षा विभाग में डिजिटल टीआर को एक्टिव कर दिया गया है। इससे अब छात्र-छात्राओं का वेरीफिकेशन आसान होगा। विश्वविद्यालय के स्तर से टीआर के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया चल रही है। इसी के तहत टीआर को बड़े हॉलमें शिफ्ट किया जा रहा है। पहले कम जगह में टीआर होने के कारण उसमें प्रवेश से लेकर अन्य कार्य कर पाना काफी मुश्किल होता था।

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