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मधुबनी में कर रहे थे खेत में मिट्टी कटाई, अंदर से निकल आई आठ सौ साल पुरानी भगवान विष्णु की प्रतिमा

मधुबनी जिले के मधवापुर प्रखंड अंतर्गत बैरवा गांव में एक खेत से भगवान विष्णु की प्राचीन प्रतिमा मिली। विशेषज्ञ के मुताबिक प्रतिमा आज से आठ सौ साल पहले यानी 13वीं-14वीं सदी के आसपास की है। इसके संरक्षण की जरूरत है।

By Vinay PankajEdited By: Updated: Tue, 23 Mar 2021 05:38 PM (IST)
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मधवापुर प्रखंड अंतर्गत बैरवा गांव में मिली भगवान विष्णु की प्रतिमा जागरण (जागरण)

मधुबनी, जागरण संवाददाता। मधुबनी जिले के मधवापुर प्रखंड अंतर्गत बैरवा गांव में पूर्व मुखिया मो. लतीफ के खेत से मिट्टी कटाई के दौरान भगवान विष्णु की अति प्राचीन प्रतिमा मिली। विशेषज्ञ के मुताबिक प्रतिमा आज से आठ सौ साल पहले यानी 13वीं-14वीं सदी के आसपास की है। कर्णाट वंश एवं ओइनवार वंश के बीच के कालखंड में इस मूर्ति का निर्माण होने की संभावना है। यह कहना है मूर्ति विशेषज्ञ डॉ. सुशांत कुमार का।

जायजा लेने पहुंचे विशेषज्ञ :

डॉ. सुशांत मंगलवार को मूर्ति का जायजा लेने बैरवा गांव पहुंचे थे। उनके साथ दरभंगा स्थित महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर ङ्क्षसह संग्रहालय के तकनीकी सहायक चंद्रप्रकाश भी मौजूद थे। डॉ सुशांत के अनुसार काले पत्थर से बनी मूर्ति अत्यंत विलक्षण है।

कर्णाट कला का विलक्षण नमूना :

विशेषज्ञ का कहना है कि यह कर्णाट कला का एक विलक्षण नमूना है। बताया कि करीब सात-आठ सौ साल पहले इस मूर्ति का निर्माण हुआ होगा। ऐसा प्रतीत होता है कि कर्णाट राजाओं के समय यहां विष्णु के उपासकों का गांव रहा होगा।

सुरक्षा की जरूरत जताई :

उन्होंने स्थानीय लोगों से मूर्ति की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि मूर्ति पर पानी, ङ्क्षसदुर, फूल, मिठाई आदि चढावे से परहे•ा रखें। मूर्ति को स्वच्छ एवं सुरक्षित रखें अन्यथा पत्थर में क्षरण आ सकता है। चंद्र प्रकाश ने बताया कि मूर्ति की लंबाई 158 सेमी और चौड़ाई 69 सेमी है।

मूर्ति को संग्रहालय में संरक्षित करने की मांग :

बता दें कि मूर्ति मिलने के तुरंत बाद संग्रहालयाध्यक्ष डॉ. शिव कुमार मिश्र ने जिलाधिकारी से मूर्ति को संगहालय में सरंक्षित कराने की मांग की। इसके बाद थानाध्यक्ष गया ङ्क्षसह, बीडीओ वैभव कुमार व सीओ रामकुमार पासवान ने बैरवा गांव जाकर लोगों से मूर्ति को संग्रहालय में जमा करने का आग्रह किया, लेकिन ग्रामीणों ने मंदिर बनाने और मूर्ति को सुरक्षित रखने का अश्वासन दिया। फिलहाल मूत्र्ति को गांव के ब्रह्मस्थान में रखकर पूजा-पाठ किया जा रहा है। एक ग्रामीण ने भगवान विष्णु की इस मूत्र्ति के लिए मंदिर बनाने के वास्ते अपनी दो बीघा जमीन देने की पेशकश भी की है। वहीं डॉ. मिश्र के परामर्श से थानाध्यक्ष ने ग्रामीणों से मूर्ति की सुरक्षा की गारंटी के लिए अंडरटेङ्क्षकग लिखित में प्राप्त कर जिला प्रशासन को सूचित किया है। डॉ. मिश्र ने स्थानीय जनप्रतिनिधि से मूर्ति की सुरक्षा के लिए संग्रहालय में जमा करने पर विचार करने का आग्रह करते हुए कहा किऐसा नही ंहोने पर इसकी तस्करी का खतरा बना रहेगा।  

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