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Vaishali News: को-ऑपरेटिव बैंक में 83 करोड़ का गबन, मामला सामने आते ही मचा हड़कंप; ED ने शुरू की जांच

Bihar News Hindi वैशाली शहरी विकास को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड में लगभग 83 करोड़ रुपये के गबन के मामले में वसूली की कार्रवाई शुरू हुई है। संयुक्त निबंधक कोर्ट में सुनवाई चल रही है जहां फर्जी ऋण लेने वालों को नोटिस भेजा गया है। ईडी मामले की आपराधिक जांच कर रही है। राशि के गबन के बाद हड़कंप मच गया है।

By Prem Shankar Mishra Edited By: Mukul Kumar Updated: Tue, 05 Nov 2024 03:47 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
प्रेम शंकर मिश्र, मुजफ्फरपुर। फर्जी दस्तावेज के आधार पर वैशाली शहरी विकास (वीएसवी) को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में करीब 83 करोड़ रुपये के गबन के वसूली की कार्रवाई शुरू हो गई है। संयुक्त निबंधक, कोआपरेटिव सोसाइटी तिरहुत राम नरेश पांडेय के कोर्ट में इसकी सुनवाई शुरू हुई है।

नोटिस मिलने के बाद वे लोग सुनवाई में पहुंच रहे हैं जिनके नाम से फर्जी तरीके से ऋण उठा लिया गया था। संयुक्त निबंधक ने बताया कि आपराधिक मामले की जांच ईडी कर रही है। वहीं, उनके यहां राशि की वसूली को लेकर सुनवाई शुरू हुई है।

बड़े-बड़े लोगों के नामपर ऋण दिखाकर गबन

विदित हो कि वीएसवी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में महाप्रबंधक लेखा सह सूचना प्रौद्योगिकी के पद पर कार्यरत मो. शहबाज आलम ने पिछले वर्ष मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

इसके अनुसार, तत्कालीन मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी एवं यूपी के बलिया निवासी विपिन तिवारी, अध्यक्ष एवं हाजीपुर निवासी संजीव कुमार आदि ने मिलकर ऋण प्रदान करने में अनावश्यक परिवर्तन कर दिया।

इसका आधार बनाकर बैंक की हाजीपुर शाखा के प्रबंधक सैयद शहनाज वजी ने उनलोगों की मिलीभगत से 383 ऋण खातों के माध्यम से 79.02 करोड़ रुपये का गबन किया। इसके अलावा 4.48 करोड़ रुपये का गबन शाखा के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों से करवाया। इस मामले में तीनों को निलंबित कर दिया गया था।

इतनी बड़ी राशि के गबन के बाद हड़कंप मच गया। जिन लोगों के नामपर फर्जी तरीके से ऋण उठाए गए वे भी बेचैन हो गए। इनमें न्यायिक पदाधिकारी, प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी के संबंधी, बड़े व्यापारी आदि शामिल हैं। इनलोगों के आधार, बीमा के बांड समेत अन्य दस्तावेज के आधार पर बड़ी राशि का गबन किया गया।

महाप्रबंधक मो. शहबाज आलम के आवेदन पर कार्रवाई प्रारंभ हुई। आपराधिक मामले की जांच ईडी कर रही है। वहीं को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निबंधक ने मामले के निस्तारण का जिम्मा तिरहुत प्रमंडल के संयुक्त निबंधक को सौंपा।

ऐसे लोगों को भेजा गया नोटिस

राशि की वसूली के लिए उनलोगों को नोटिस भेजे गए जिनके नामपर ऋण उठाया गया है। सोमवार को सुनवाई के लिए पहुंचे एक व्यापारी ने कहा कि उसके भाई के नामपर 19 लाख का फर्जी तरीके से ऋण उठाया गया है।

मुजफ्फरपुर में उसकी एथनाल की इकाई है। वहीं, एक वाहन का शोरूम भी है। ऐसे ही कई बड़े नाम पर धोखाधड़ी की गई है।

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