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बिहार भवन निर्माण निगम का पूर्व DGM गिरफ्तार, करोड़ों रुपये पत्नी और स्वजनों के खाते में ट्रांसफर करने का ये है मामला

बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड के खाते के करोड़ों रुपये अवैध तरीके से अपने पत्नी और अन्य स्वजन के अकाउंट में जमा करने के मामले में पूर्व उप महाप्रबंधक शिवानंद को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उससे पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपित को रविवार को न्यायिक हिरासत में भेजने की कवायद की जाएगी।

By Sanjiv Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Sun, 17 Mar 2024 04:43 PM (IST)
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पत्नी व स्वजन के खाते में अवैध रूप से करोड़ों रुपये जमा कराने में पूर्व उपमहाप्रबंधक गिरफ्तार। (सांकेतिक फोटो)
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड के खाते के करोड़ों रुपये अवैध रूप से अपने, पत्नी और अन्य स्वजन के खाते में जमा करने के मामले में पूर्व उप महाप्रबंधक शिवानंद को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उससे पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

पुलिस का कहना है कि रविवार को आरोपित को न्यायिक हिरासत में भेजने की कवायद की जाएगी। सिटी एसपी अवधेश सरोज दीक्षित ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है। कहा कि पिछले साल ब्रह्मपुरा थाने में प्राथमिकी कराई गई थी। जांच में आरोप सत्य पाए जाने के बाद पटना से आरोपित की गिरफ्तारी की गई है।

पिछले साल सितंबर में हुई थी FIR

विदित हो कि पिछले साल सितंबर में इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसमें शिवानंद के अलावा लेखापाल दिलीप कुमार एवं उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक के शाखा प्रबंधक को भी नामजद किया गया था। निगम के करोड़ों रुपये उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट करा दिए थे।

परियोजना कार्यान्वयन इकाई (पीआईयू), मुजफ्फरपुर में अपने कार्यकाल में उन्होंने यह कारस्तानी की थी। मामला पकड़ में आने पर भवन निर्माण निगम लिमिटेड की पीआईयू, मुजफ्फरपुर के वर्तमान उप महाप्रबंधक ने प्राथमिकी कराई थी।

दर्ज FIR में क्या हैं आरोप?

दर्ज एफआईआर में कहा था कि शिवानंद ने अवैध रूप से दूसरे खाते में निगम के करोड़ों रुपये हस्तांतरित कराए। उन्होंने पीआईयू के खाते से अपने खाते में 49.15 लाख रुपये हस्तांतरित किए।

इसके बाद पत्नी ममता शिवानंद के खाते में पिछले साल पांच जुलाई को एक करोड़ 83 लाख रुपये भेजे। वहीं पांच जुलाई को दो करोड़ रुपये एमएस इंटरप्राइजेज के खाते में जमा किए।

इसके अलावा, कई अन्य ट्रांजेक्शन से शिवानंद ने स्वयं, पत्नी और स्वजन के खाते में अवैध रूप से छह करोड़ 18 लाख 65 हजार रुपये जमा कर दिए।

मामला पकड़ में आने के बाद शिवानंद को निलंबित कर दिया गया था। साथ ही ब्याज के साथ राशि जमा कराने की कवायद शुरू की गई थी।

लेखापाल दिलीप कुमार की भी मिलीभगत 

मालूम हो कि पिछले साल 11 सितंबर तक शिवानंद ने चार करोड़ 52 लाख 283 रुपये ही निगम के खाते में जमा किए हैं। निगम के खाते में करोड़ों रुपये की गड़बड़ी में लेखापाल सह रोकड़पाल पद पर कार्यरत दिलीप कुमार की भी मिलीभगत है।

वहीं उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक द्वारा बिना निगम निदेशक पर्षद की अनुमति के नियम विरुद्ध ओवरड्रॉफ्ट दिया गया है। इसके अलावा, बैंक द्वारा निगम की राशि भी नहीं लौटाई जा रही है।

शिवानंद ने इस बैंक में 10 करोड़ रुपये से अधिक की फिक्स्ड डिपॉजिट कराई थी, जबकि बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड में किसी भी प्रकार का लोन या बैंक निर्देशित किसी प्रकार के एफडीआर पर कोई ओवर ड्रॉफ्ट या लोन लेने का प्रविधान नहीं है। साथ ही निगम के निदेशक पर्षद द्वारा किसी प्रकार से शिवानंद को ओवरड्राफ्ट के लिए प्राधिकृत भी नहीं किया गया था।

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