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मुजफ्फरपुर में अधिवक्ता शैलेंद्र पांडेय हत्याकांड में पिता समेत दो बेटे दोषी करार

Muzaffarpur Cour 24 को सुनाई जाएगी सजा दस साल पहले आम का पेड़ काटने के विवाद में हथौड़ी थाना के परमजीवर गांव में हुई थी घटना। घर में चौकी के नीचे छिपे अधिवक्ता को खींचकर पत्नी व बच्चों के सामने गोली मार की गई थी हत्या।

By Jagran NewsEdited By: Dharmendra Kumar SinghUpdated: Mon, 14 Nov 2022 10:09 PM (IST)
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अधिवक्ता शैलेंद्र पांडेय हत्‍याकांड के अभियुक्‍त को जेल ले जाती पुलिस। फोटो-जागरण
मुजफ्फरपुर, जासं। हथौड़ी थाना के परमजीवर गांव में वर्ष 2012 में घर से खींच अधिवक्ता शैलेंद्र पांडेय की गोली मार हत्या के मामले में पिता व दो पुत्रों को दोषी करार दिया गया है। दोषी करार दिए जाने वालों में महेश राय, उसके पुत्र अखिलेश राय एवं बालेश्वर राय शामिल है। मामले के सत्र -विचारण के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-13 प्रशांत कुमार झा ने तीनों को दोषी ठहराया। सजा के बिंदु पर 24 नवंबर को सुनवाई होगी। इसके बाद तीनों दोषियों को सजा सुनाई जाएगी। महेश राय व अखिलेश राय को जमानत के बंध पत्र को खंडित कर कोर्ट ने जेल भेज दिया है।

वहीं फैसला सुनाने के समय बालेश्वर राय कोर्ट में उपस्थित नहीं था। उसकी ओर से कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की गई थी। इसमें बीमार होने के कारण कोर्ट में उपस्थित होने से असमर्थता जताई थी। कोर्ट ने उसकी ओर से दाखिल अर्जी को स्वीकार कर लिया, लेकिन 24 नवंबर को सजा सुनाए जाने के दिन उसे कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। उस दिन अगर वह कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ तो उसकी जमानत का बंध पत्र खंडित कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक सुनील पांडेय ने कोर्ट में छह गवाहों को पेश किया। इसमें वरीय अधिवक्ता शरद सिन्हा ने सहयोग किया। अपर लोक अभियोजक ने बताया कि इस मामले में छह साल से सेशन-ट्रायल चल रहा था। काफी जद्दोजहद के बाद कोर्ट के समक्ष गवाहों को पेश किया जा सका।

अधिवक्ता को मारी गई थी दो गोली

घटना हथौड़ी थाना के परमजीवर गांव में 23 जनवरी 2012 की सुबह 8:30 बजे हुई थी। अधिवक्ता शैलेंद्र पांडेय की पत्नी रंजू देवी ने हथौड़ी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कहा था कि 22 जनवरी 2012 की शाम उसके बगीचे से आम का पेड़ कटवा कर महेश राय ले जा रहा था। पति शैलेंद्र पांडेय ने इसका विरोध किया। इस पर दोनों के बीच कहासुनी हो गई। लकड़ी का बोटा गिरने से महेश राय घायल हो गया। इस पर महेश राय ने अपने पुत्रों को कहा कि अगर उसके बेटा हो तो शैलेंद्र पांडेय की हत्या कर दो। अगले दिन सुबह लगभग 8:10 बजे उसके पति अपने दरवाजे पर नाद में भैंस का चारा डाल रहे थे। दोनों पुत्र दिव्यांशु रंजन व हिमांशु रंजन भी दरवाजे पर थे। वह किचन में चाय बना रही थी। उसी समय उत्तर दिशा की ओर से परमजीवर गांव के महेश राय का पुत्र हरेंद्र राय, अखिलेश राय, बालेश्वर राय, ग्रामीण बृजनंदन राय,मीनापुर थाना क्षेत्र के छपरा गांव का बिगन राय, राजा राय व हथौड़ी थाना के चक्की गांव का भोला राय व पप्पू राय बंदूक-पिस्तौल लेकर उसके दरवाजे पर ललकारते हुए पहुंच गया। डर से पति शैलेंद्र पांडेय व दोनों पुत्र घर के अंदर चौकी के नीचे जाकर छिप गए। वह भी छिपना चाह रही थी। उसी समय इन आरोपितों ने पति का बाल पकड़कर बाहर खींच लिया। उसके व दोनों बच्चों के सामने दो गोली मार दी। घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। अपर लोक अभियोजक ने बताया कि इस मामले में आरोपित बनाए गए मीनापुर थाना के छपरा गांव के बिगन राय की बहुत पहले सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। अन्य सभी आरोपित जमानत पर हैं। इस मामले में अन्य आरोपितों के विरुद्ध अलग से सुनवाई हो रही है।

दस साल बाद मिला न्याय, कड़ी सजा के देने लिए कोर्ट से करेगी प्रार्थना 

अधिवक्ता की पत्नी रंजू देवी ने बताया कि पिछले दस साल से वह घुट-घुटकर जी रही थी। उसकी आंखों के सामने उसके पति को गोली मारकर हत्या कर दी गई। गोली मारने वाले काफी दबंग हैं। उन्हें राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ था। उसके भय से कोई गवाही देने को तैयार नहीं था। हर तारीख पर कोर्ट में आने से पहले व घर जाने पर उसे धमकी दी जाती थी। अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता था, लेकिन वह इससे डरी नहीं। दस साल के बाद ही सही उसे न्याय मिला है। वह दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की प्रार्थना करेगी।

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