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Bihar Crime: फिंगर प्रिंट से पल भर में खुलेगा बदमाशों का राज, बेतिया में तैयार हो रहा डाटाबेस

Bihar Crime पुलिस मुख्यालय में अपराधियों का तैयार हो रहा है डाटाबेस। एसपी कार्यालय में नफीस पर चल रहा काम। अपराधिक घटना के बाद देश के किसी भी हिस्से में छुपे होने पर भी बचना मुश्किल। देशभर के सभी जिला मुख्यालयों में होगी व्यवस्था।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Updated: Tue, 06 Sep 2022 01:15 PM (IST)
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नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आईडीफिकेशन व्‍यवस्‍था से आपराधिक इतिहास निकालना हैै आसान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

बेतिया (पचं), जासं। अब अपराधियों की फिंगर प्रिंट उनके सारे आपराधिक राज का पर्दाफाश करेगा। अपराध करने के बाद वे चाहे देश के किसी भी हिस्से में छुपे हो, बच नहीं पाएंगे। देश के किसी भी हिस्से में छुपकर कोई मामूली गलती कर दिए या फिर पुलिस को थोड़ा भी संदेह हो गया, तो चंद मिनटों में उनकी पूरी कुंडली पुलिस के सामने होगी। अपराधी ने देश के किस हिस्से में कब कौन कौन अपराध किया है, पलभर में सामने आ जाएगा।

यह संभव होगा नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आईडीफिकेशन (नफीस) के कारण। एसपी कार्यालय में इस पर काम चल रहा है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय से जरूरी उपकरण उपलब्ध कराया गया है। इस पर जोर शोर से काम हो रहा है। जल्द ही यह पूरी तरह काम करने लगेगा।

कैसे बनेगा डाटाबेस

जब भी कोई अपराधी छोटे या बड़े किसी भी आपराधिक मामले में पकड़े जाएंगे तो उनकी फिंगरप्रिंट और फोटो एक सर्वर में अपलोड किया जाएगा। इसके साथ ही उनके द्वारा किए गए अपराध के बारे में भी उसमें डिटेल जानकारी दर्ज की जाएगी। यह सर्वर राष्ट्रीय अपराध ब्याेरो दिल्ली से कनेक्ट रहेगा। ऐसी व्यवस्था देश के सभी जिला मुख्यालयों में होने से अपराधी देश के किसी भी हिस्से में पकड़ा जाएगा तो पुलिस जैसे ही उसकी फिंगरप्रिंट लेगी, उनका सारा आपराधिक इतिहास पल भर में सामने आ जाएगा।

पुलिस को मिलेगी राहत

इस सिस्टम के पूरी तरह क्रियाशील हो जाने के बाद पुलिस को काफी राहत मिलेगी। सेवानिवृत्त पुलिस पदाधिकारी रंजन कुमार ने बताया कि कुख्यात अपराधी अक्सर एक इलाके में कुछ वारदातों को अंजाम देने के बाद पुलिस से बचने के लिए दूसरे इलाके में चले जाते हैं और वहां आपराधिक वारदात को अंजाम देते हैं। पकड़े जाने पर उनका पूरा अपराधिक इतिहास खंगालने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। कई बार अपराध करने के बाद दूसरे राज्य में भाग जाने के कारण वहां किसी मामले में अपराधी पकड़े भी जाते हैं तो उनकी पुरानी अपराधिक इतिहास जल्दी नहीं मिल पाता। लेकिन इस सिस्टम से अब वे बच नहीं पाएंगे। एसपी उपेंद्रनाथ वर्मा ने बताया कि, इस दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। मुख्यालय से जरूरी उपकरण प्राप्त हुआ है। इससे अपराध नियंत्रण में काफी मदद मिलेगी।

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