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Flood in Bihar: बिहार में गंगा, कोसी, बागमती और गंडक नदियों का तांडव, समस्तीपुर-खगड़िया जैसे जिलों में बाढ़ जैसे हालात

बिहार में गंगा कोसी बागमती और गंडक नदियों का तांडव जारी है। कई जिलों में ये नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। ऐसे में कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर में गंगा का पानी ग्रामीण क्षेत्रों में पसरने लगा है। इससे बाढ़ की स्थिति बनती जा रही है। भागलपुर में कहलगांव एनएच 80 पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है।

By Jagran News Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 15 Aug 2024 07:39 AM (IST)
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बिहार में खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियां।

जागरण टीम, भागलपुर/मुजफ्फरपुर। पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल की नदियों में पानी बढ़ रहा है। गंगा, कोसी व कारी कोसी समेत कुछ अन्य नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

कटिहार व मधेपुरा में डूबने से दो-दो लोगों की मौत हुई है। मधेपुरा में डूबने वाले दोनों बच्चे आपस में चचेरे भाई थे। अररिया में वज्रपात से दो किशोरों की मौत हुई है, जबकि एक गंभीर रूप से घायल है।

उधर, समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीननगर में गंगा नदी का पानी अब ग्रामीण क्षेत्रों में पसरने लगा है। इससे बाढ़ की स्थिति बनती जा रही है।

गांवों में पानी फैलने के बाद वैसे गंगा का जलस्तर स्थिर है, अब तक पलायन की स्थिति नहीं बनी है। सड़कों पर पानी का बहाव होने से आवागमन प्रभावित हो रहा है।

एनएच 80 पर चढ़ा बाढ़ का पानी

भागलपुर में कहलगांव एनएच 80 पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है। यहां आवागमन ठप है। भागलपुर में गंगा और कोसी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके कारण बाढ़ का पानी नए इलाकों में तेजी से फैल रहा है। भागलपुर-कहलगांव एनएच 80 पर बाढ़ का पानी चढ़ जाने से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है।

पीरपैंती में कई नए इलाकों में सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है। नवगछिया, कहलगांव, सुल्तानगंज और शाहकुंड में पानी से फसलें जलमग्न हो रहीं हैं।

मुंगेर में गंगा का जलस्तर स्थिर

मुंगेर में खतरे के निशान से 53 सेंटीमीटर नीचे तक पहुंचकर गंगा का जलस्तर स्थिर हो गया है। किशनगंज से गुजरने वाली नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। नदियों की स्थिति में उतार-चढ़ाव के कारण कटाव हो रहा है।

खगड़िया में कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक और गंगा का कहर

खगड़िया में कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक और गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बौरना पंचायत में कई घरों में पानी है। प्रभावित लोग जीएन तटबंध पर शरण ले रहे हैं। सैकड़ों एकड़ फसलें डूबी हुई हैं।

पूर्णिया-सुपौल का ऐसा है हाल 

पूर्णिया जिले से होकर गुजरी नदियों का जलस्तर अभी सामान्य बना हुआ है। महानंदा, परमान, कनकई, बकरा आदि नदियां अभी खतरे के निशान से नीचे हैं। घटती नदियां कटाव कर रही हैं।

सुपौल में कोसी के जलस्तर में सोमवार को उतार-चढ़ाव जारी रहा। शाम पांच बजे कोसी का डिस्चार्ज बराज पर 2,21,395 क्यूसेक रिकार्ड किया गया।

नदी के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव से किसनपुर प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांवों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। मधेपुरा जिले के आलमनगर व चौसा प्रखंड की कई पंचायतों के निचले इलाके में पानी पहुंच चुका है। 

कटिहार-समस्तीपुर का भी हाल बुरा

कटिहार में गंगा खतरे के निशान 29.87 मीटर से 67 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। कोसी खतरे के निशान 30 मीटर से 93 सेंटीमीटर व कारी कोसी खतरे के निशान 28.51 मीटर से 11 सेंटीमीटर ऊपर है।

समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर के दुबहा, बोचहां, वाहपार, पतसिया, बाबापटी, रासपुर पतसिया, चापर, हसनपुर, नारायणपुर आदि गांवों में तेज गति से पानी का बहाव है।

वाकरपुर-सुल्तानपुर पथ, हसनपुर-वाकरपुर पथ, पतसिया चमथा पथ, दुबहा-अदलपुर पथ, भासिंगपुर-चमथा बालूपार पथ, बोचहां-वाहापार पथ पर तेज गति से पानी का बहाव जारी है।

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