स्नातक परीक्षा : डर शहाबुद्दीन प्रकरण का, परीक्षा से रोकी गई छात्रा
प्रोवीसी से छात्रसंघ अध्यक्ष ने की शिकायत तो बनी बात, एसएनएस कॉलेज की स्नातक थर्ड पार्ट की छात्रा का आरडीएस में था केंद्र
By Ajit KumarEdited By: Updated: Fri, 07 Dec 2018 03:07 PM (IST)
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। स्नातक थर्ड पार्ट की परीक्षा से एक छात्रा को शामिल होने से इस कारण से रोक दिया कि एडमिट कार्ड पर मुहर व दस्तखत नहीं था। ऐसा देख याद आ गया तत्कालीन सिवान के सांसद शहाबुद्दीन प्रकरण। छात्रा के एडमिट कार्ड पर मुहर व दस्तखत नहीं देख उसके फर्जी होने के संदेह में एडमिट कार्ड जब्त कर लिया गया। इससे वह पहले दिन की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकी। दूसरे दिन में छात्र संघ के प्रयास के बाद आखिरकार वह परीक्षा में शामिल हो सकी लेकिन काफी कम समय के लिए ही। यह मामला शहर के आरडीएस कॉलेज केंद्र का है। यह वाकया सामने आने पर परीक्षा नियंत्रक डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि सिवान के सांसद रहे शहाबुद्दीन के परीक्षा वाले प्रकरण के डर से ऐसा किया गया।
गलती कॉलेज की, खामियाजा भुगतना पड़ा छात्रा कोएडमिट कार्ड पर मुहर व दस्तखत नहीं होने में गलती कॉलेज की है लेकिन खामियाजा भुगतना पड़ा छात्रा को। पहले दिन की उसकी परीक्षा छूट गई। काफी हंगामा होने के बाद छात्रा को दूसरे दिन की परीक्षा देने की इजाजत मिली वह भी घंटे भर विलंब के बाद। परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि वह श्याम नंदन सहाय कॉलेज, मुजफ्फरपुर की छात्रा थी। वीक्षक ने उस छात्रा का एडमिट कार्ड देखकर शिकायत की थी। उसके कॉलेज के प्राचार्य की दस्तखत व मुहर उसपर नहीं लगी थी। यह देखकर हमने सोचा कि शहाबुद्दीन प्रकरण के बाद दोबारा हम लोग इस तरह के संकट से नहीं जूझेंगे। कोई भी फोटो साटकर लेकर आ जाएगा तो हम लोग परीक्षा कैसे देने देंगे।
रोती रही छात्रा, अभिभावक रहे काफी चिंतितपहले दिन की परीक्षा छूटने पर छात्रा रोती रही। इसका किसी प्रकार का असर परीक्षा केंद्र पर कार्यरत परीक्षा विभाग के शिक्षकों पर नहीं पड़ा। परीक्षा में शामिल नहीं होने के कारण उसके अभिभावक भी काफी चिंतित थे। वे लगातार प्रयास कर रहे थे कि इसका कोई समाधान निकाला लिया जाए और छात्रा को परीक्षा में शामिल होनेे की अनुमति दे दी जाए लेकिन पहले दिन ऐसा नहीं हो सका।
छात्रसंघ के प्रयास से छात्रा को मिल सकी परीक्षा में बैठने की इजाजतइस मामले की जानकारी होने पर छात्रसंघ के अध्यक्ष राजाबाबू ने प्रोवीसी डॉ.आरके मंडल से इसकी शिकायत की। उसके बाद छात्रा को परीक्षा में बैठने की इजाजत मिल सकी। छात्र नेता ने कहा कि परीक्षा नियंत्रक को अगर कोई संदेह था तो तुरंत उसके कॉलेज से संपर्क कर सत्यापन हो सकता था। परीक्षा से वंचित करने का कोई औचित्य नहीं था।
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