Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर में ठेकेदारों की बढ़ेगी टेंशन! दर्जनों सड़क की होगी जांच, DM ने दिया आदेश
Muzaffarpur News जिलाधिकारी ने पिछले पांच वर्षों में ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा बनाई गई सड़कों की गुणवत्ता की जांच के लिए जिला स्तरीय जांच कमेटी गठित की है। कमेटी सभी सड़कों की जांच कर रिपोर्ट देगी। यह कदम दैनिक जागरण में जर्जर सड़कों को लेकर प्रकाशित खबरों के बाद उठाया गया है। कई सड़कें दो वर्षों में ही टूटने लगी हैं।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। ग्रामीण कार्य विभाग के अंतर्गत पिछले पांच वर्षों में बनाई गई सड़कों की गुणवत्ता की जांच होगी। जिलाधिकारी ने जिला स्तरीय जांच कमेटी गठन का आदेश दिया है। उक्त कमेटी ने सभी सड़कों की गुणवत्ता की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है।
बता दें कि दैनिक जागरण में लगातार ग्रामीण कार्य विभाग की जर्जर सड़कों को लेकर खबर प्रकाशित की गईं। इसपर जिलाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। विदित हो कि ग्रामीण कार्य विभाग के अंतर्गत बनी दर्जनों से अधिक ऐसी सड़कें हैं, जिनका निर्माण होने के बाद दोबारा कभी मरम्मत तक नहीं की गई।
विभाग ने भी ठेकेदार या संबंधित एजेंसी पर कोई कार्रवाई नहीं की। सभी सड़कों के लिए पांच वर्ष तक अनुरक्षण नीति के तहत राशि देने का भी प्रविधान है। इसके बाद भी विभाग का रवैया उदासीन रहा। ठेकेदार भी निर्माण पूरा होने व राशि का उठाव करने के बाद कभी झांकने तक नहीं गए।
दो वषों में ही टूटने लगी सड़क
इसमें प्रमुख रूप से शेरपुर स्थित दुर्गा मंदिर से बंगरा बाजीद वाया शेरपुर मझौली तक करीब दो किलोमीटर सड़क का निर्माण 32 लाख रुपये में वर्ष 2020 में किया गया, लेकिन बनने के दो वर्ष के बाद ही सड़क जर्जर होने लगी। अब दो किलोमीटर में करीब दो सौ से अधिक गड्ढ़े हैं।
सालोंभर जलजमाव की पीड़ा से लोग त्रस्त रहते हैं। विभाग के अधिकारी नाला नहीं होने से जलजमाव की बात बोलकर पल्ला झाड़ लेते हैं, लेकिन मरम्मत को लेकर कभी प्रयास तक नहीं किया गया। इसी प्रकार शेरपुर चौक से शेरपुर मिडिल स्कूल तक 2.30 किलोमीटर सड़क का निर्माण 38 लाख रुपये में किया गया।
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर।
इसकी भी हालत दो वर्षों के बाद ही जर्जर हो गई। कई बार आंदोलन व सड़क जाम के बाद विभाग ने मरम्मत के नाम पर लीपापोती की। इस सड़क में भी नाला नहीं होने की बात बोलकर पल्ला झाड़ लिया गया।
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