आईजी शिवदीप वामनराव लाण्डे ने मुजफ्फरपुर के मोतीपुर थाना क्षेत्र में 19 साल पहले एक महिला की दहेज के लिए हत्या के मामले की फाइल दोबारा खोल दी है। इस मामले में दर्ज FIR में महिला के पति समेत 6 लोगों को आरोपित बनाया गया था। 2006 में इस केस में चार्जशीट दायर की गई थी। हालांकि बाद में केस के आवेदक महिला के पिता अपने बयान से मुकर गए।
संजीव कुमार, मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर के मोतीपुर थाना क्षेत्र में 19 वर्ष पूर्व एक महिला की दहेज के लिए हत्या के मामले की आईजी शिवदीप वामनराव लाण्डे ने फाइल खोल दी है। इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में महिला के पति समेत छह लोगों को आरोपित किया गया था।
पुलिस ने महिला रीना देवी के पति उमेश सहनी को जेल भेजा था। 2006 में उस पर चार्जशीट दायर की गई थी। बाद में केस के आवेदक महिला के पिता अपने बयान से मुकर गए। इससे कोर्ट द्वारा चार्जशीटेड आरोपित महिला के पति उमेश सहनी को दोष मुक्त कर दिया गया।
इसके आधार पर साक्ष्य की कमी बताते हुए अंतिम प्रतिवेदन समर्पित करने की पुलिस की तैयारी थी। इसी बीच मामला सामने आने के बाद आइजी ने इसकी समीक्षा की। इसमें संचिका के अवलोकन से पता चला कि आरोपित उमेश सहनी की रीना देवी से कोर्ट मैरेज हुई थी।
घटना के पहले महिला से उसके ससुरालवालों ने दहेज में एक कट्ठा जमीन की मांग करने व इसके लिए प्रताड़ित किया जा रहा था। प्राथमिकी में भी इसका उल्लेख है।
संचिका में उल्लेख है कि घटना की सूचना पर वादी जब वहां गए तो आरोपितों द्वारा महिला को सर्प कांट लेने व शव को नदी में प्रवाहित कर देने की बात बताई गई।
बयान से मुकरने के कारण वादी पक्षद्रोही साबित
विचारण के दौरान अभियोजन साक्षी ने कोर्ट में घटना के संबंध में कुछ भी जानकारी नहीं होने की बात बताई गई है। इससे वादी विचारण के दौरान पक्षद्रोही साबित हुए है। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चिकित्सक ने मृत महिला के शरीर पर तेज धारधार हथियार से जख्म के कारण रक्त स्राव व सदमा से मौत होने का मंतव्य दिया।
आइजी ने रिपोर्ट में लिखा है कि मृत महिला की मौत शादी के सात वर्षों के अंदर संदिग्ध स्थिति में हुई है। केस के वादी व साक्षियों द्वारा न्यायालय में दिए गए बयान को आधार नहीं मान कर केस की जांच के क्रम में आए तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर अन्य पर अग्रतर कार्रवाई की जानी विधि सम्मत प्रतीत होती है। इसलिए इस केस को सत्य मानकर विधि सम्मत कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
साक्ष्य की कमी बता अंतिम प्रतिवेदन समर्पित करने की थी तैयारी
मामले में एसएसपी के विशेष प्रतिवेदन चार में कहा गया कि ऐसी स्थिति में अन्य आरोपितों के विरुद्ध यहीं स्थिति उत्पन्न होगी तथा पुलिस एवं कोर्ट का समय व्यर्थ जाएगा।
ऐसी स्थिति में केस में अंतिम प्रतिवेदन साक्ष्य की कमी समर्पित की जानी श्रेष्यकर होने का मंतव्य दिया गया है।
इसमें इस केस में आवेदक रमेश सहनी ने एक आवेदन पत्र समर्पित किया।
केस के वादी व साक्षियों ने न्यायालय में दिए गए बयान एवं न्यायालय द्वारा पारित आदेश की छायाप्रति संलग्न है।
इन दोनों के अवलोकन में पाया गया कि साक्षियों ने घटना के संबंध में कुछ भी
जानकारी नहीं होने की बात कोर्ट में बताई गई है। वादी बयान से मुकर गए।
इसके आधार पर कोर्ट ने इस केस के आरोपित उमेश सहनी को दोषमुक्त किया है। वहीं इस केस के अन्य आरोपितों के विरुद्ध जांच जारी रहेगी।
यह भी पढ़ें: Bihar News: जयपुर अग्निकांड में जिंदा जला मोतिहारी का परिवार, 3 बच्चे समेत 5 लोगों की मौत
आईजी का बयान
मोतीपुर के 19 वर्ष पुराने दहेज हत्या से संबंधित मामले की समीक्षा की गई है। साक्ष्य के आधार अन्य आरोपितों के विरुद्ध जांच जारी रखने का आदेश दिया गया है।
-शिवदीप वामनराव लाण्डे, आईजी
यह भी पढ़ें: बिहार की पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट: 1977 के बाद जब ढहने लगा कांग्रेस का किला, अब भाजपा का है दबदबा
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।