Bihar: जमीनी कारोबारी सहित 3 बॉडीगार्डों को मौत के घाट उतारने वाले आरोपी रिमांड पर, CID की है इन पहलुओं पर नजर
Bihar आशुतोष शाही व उनके तीन बॉडीगार्डों की हत्या में आरोपित प्रद्युम्न शर्मा उर्फ मंटू शर्मा व गोविंद कुमार को 48 घंटे के लिए दोबारा रिमांड लेने की सीआइडी को कोर्ट ने अनुमति दे दी है। इससे पहले पांच अगस्त को कोर्ट के आदेश पर सीआइडी ने दोनों को 48 घंटे की रिमांड पर लिया था। दोनों से पूछताछ के बाद सात अगस्त को जेल वापस भेज दिया गया था।
By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Thu, 10 Aug 2023 06:30 AM (IST)
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। जमीन कारोबारी आशुतोष शाही व उनके तीन बॉडीगार्डों की हत्या में आरोपित प्रद्युम्न शर्मा उर्फ मंटू शर्मा व गोविंद कुमार को 48 घंटे के लिए दोबारा रिमांड लेने की सीआइडी को कोर्ट ने अनुमति दे दी है। दोनों पांच अगस्त से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है।
48 घंटे रिमांड पर
इससे पहले पांच अगस्त को कोर्ट के आदेश पर सीआइडी ने दोनों को 48 घंटे की रिमांड पर लिया था। दोनों से पूछताछ के बाद सात अगस्त को जेल वापस भेज दिया गया था। बुधवार को मामले के विवेचक व सीआइडी इंस्पेक्टर अशोक कुमार झा ने प्रभारी न्यायिक दंडाधिकारी ज्योति कुमार कश्यप के कोर्ट में एक अर्जी दाखिल कर फिर से पूछताछ के लिए दोनों को सात दिनों की रिमांड पर देने की प्रार्थना की।
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कोर्ट ने इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए दोनों को 48 घंटा की रिमांड पर लेने की अनुमति दी। सीआइडी दोनों को पूछताछ के लिए गुरुवार को जेल से अपने साथ ले जाएगा।
हत्याकांड में प्रयुक्त हथियारों के बारे में पूछताछ
दोबारा रिमांड पर लिए जाने को लेकर सीआइडी की ओर से कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया है कि इस हत्याकांड में प्रयुक्त हथियारों को बरामद नहीं किया जा सका है। इसमें चार लोगों की हत्या की गई है।कई तथ्यों का हुआ खुलासा
इसमें प्रयुक्त हथियार एक महत्वपूर्ण साक्ष्य हो सकता है। पिछली बार पूछताछ में हथियार की बरामदगी नहीं हो सकी है। उस समय पूछताछ में कई सुराग मिले थे। दो दिनों में पूछताछ से मिले तथ्यों का विभाग के विशेषज्ञों व वरीय अधिकारियों ने विश्लेषण किया। इस विश्लेषण में कई तथ्य सामने आए हैं
आशुतोष शाही हत्याकांड: 19 दिन बाद भी मुजफ्फरपुर पुलिस के हाथ खाली, रिवॉल्वर और मोबाइल का नहीं मिला सुरागइसका सत्यापन व हथियार बरामगदी को लेकर फिर से पूछताछ की जरूरत महसूस की गई है। इसके समर्थन में पहली बार पूछताछ में आए तथ्यों से संबंधित रिपोर्ट भी बंद लिफाफा में सीआइडी अधिकारी ने कोर्ट के समक्ष पेश किया। कोर्ट ने इसका अवलोकन कर फिर से सीलबंद कर लौटा दिया।
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