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बिहार में बंदी की मौत के मामले में अधिकारी समेत चार पुलिसकर्मियों से वसूले जाएंगे 5 लाख, NHRC ने दिया आदेश

बिहार में समस्तीपुर जिले के रोसड़ा उपकारा के बंदी परमानंद मंडल की न्यायिक हिरासत में मौत के मामले में अधिकारी समेत चार पुलिसकर्मियों से पांच लाख रुपये वसूले जाएंगे। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से इसे लेकर आदेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि ड्यूटी पर तैनात चारों पुलिसकर्मियों से समानुपातिक ढंग से रुपये वसूल कर मृतक बंदी के निकटतम स्वजन को मुआवजे का भुगतान किया जाए।

By Jagran NewsEdited By: Prateek Jain Updated: Mon, 01 Jan 2024 01:00 AM (IST)
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बिहार में बंदी की मौत के मामले में अधिकारी समेत चार पुलिसकर्मियों से वसूले जाएंगे 5 लाख

संजीव कुमार, मुजफ्फरपुर। बिहार में समस्तीपुर जिले के रोसड़ा उपकारा के बंदी परमानंद मंडल की न्यायिक हिरासत में मौत के मामले में अधिकारी समेत चार पुलिसकर्मियों से पांच लाख रुपये वसूले जाएंगे। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से इसे लेकर आदेश जारी किया गया है।

इसमें कहा गया है कि ड्यूटी पर तैनात चारों पुलिसकर्मियों से समानुपातिक ढंग से रुपये वसूल कर मृतक बंदी के निकटतम स्वजन को मुआवजे का भुगतान किया जाए। विदित हो कि वर्ष 2015 में समस्तीपुर जिले के उपकारा रोसड़ा के बंदी परमानंद मंडल की मौत पीएमसीएच में इलाज के दौरान हो गई थी।

मुंगेर के हसनपुर गांव का रहने था बंदी

बंदी मुंगेर जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के हसनपुर का रहने वाला था। विभूतिपुर थाने से चोरी के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जेल जाने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद सदर अस्पताल समस्तीपुर में भर्ती कराया गया।

बेहतर चिकित्सा के लिए उसे पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में 13 मई, 2015 को भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान तीन जून, 2015 को उसकी मौत हो गई थी। इसको लेकर रोसड़ा थाने में यूडी केस दर्ज कराया गया था। मामले की गंभीरता को देख वरीय अधिकारियों ने इसकी जांच की। पाया गया कि अभिरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा लापरवाही बरती गई है।

2023 में मुआवजा भुगतान करने का दिया गया आदेश

इसके बाद कारा एवं सुधार सेवाएं निदेशालय गृह विभाग की ओर से छह फरवरी 2023 को आदेश जारी कर बंदी की सुरक्षा में प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी व कर्मियों के वेतनमद से पांच लाख रुपये वसूली कर मृतक बंदी के निकटतम स्वजन को मुआवजा भुगतान करने को कहा गया।

पत्र के आलोक में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुहर लगाते हुए मृतक बंदी के निकटतम स्वजन को समानुपातिक ढंग से ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों से रुपये वसूलकर भुगतान करने का आदेश दिया गया। समस्तीपुर पुलिस अधीक्षक द्वारा मिथिला क्षेत्र दरभंगा के आइजी को पत्राचार किया गया था।

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