Bihar Election 2020: इस चुनाव में एक भाई ने थाम रखी है लालटेन तो दूसरे कर रहे हाथी की सवारी
Bihar Election 2020 दो बार विधायक रहे संजय गुप्ता राजद के टिकट पर बेलसंड सीट से मैदान में। उनके भाई अधिवक्ता संजीव कुमार गुप्ता शिवहर सीट से बसपा के उम्मीदवार। संजीव राजद से टिकट के लिए कर रहे थे प्रयास।
By Ajit KumarEdited By: Updated: Mon, 19 Oct 2020 01:42 PM (IST)
शिवहर, [ नीरज ]। Bihar Election 2020: शिवहर की राजनीति में दो भाइयों के चुनाव मैदान में कूदने की खूब चर्चा है। एक ने लालटेन थामी है तो दूसरे को हाथी की सवारी भा रही। शिवहर व बेलसंड के विधायक रहे संजय गुप्ता बेलसंड सीट से महागठबंधन समॢथत राजद प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। उनके भाई अधिवक्ता संजीव कुमार गुप्ता शिवहर सीट से जीडीएसएफ (ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट) समर्थित बसपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं।
राजद से नहीं मिला टिकट तो हाथी की सवारी दरअसल, वर्ष 2000 के चुनाव में सत्यनारायण प्रसाद राजद के टिकट पर शिवहर के विधायक चुने गए थे। विधायक रहने के दौरान ही उनका निधन हो गया था। इसके बाद रिक्त पड़ी सीट के लिए अप्रैल, 2004 में हुए उपचुनाव में उनके पुत्र संजय गुप्ता को राजद ने उम्मीदवार बनाया। संजय ने शिवहर से जीत दर्ज कर राजनीतिक पारी की शुरुआत की। बाद में अक्टूबर, 2005 में वे बेलसंड सीट से राजद के टिकट पर ही विधायक बने थे। इस बार राजद ने उन पर फिर भरोसा जताया है। इधर, उनके भाई संजीव कुमार गुप्ता भी शिवहर से राजद के टिकट के दावेदार थे। वे लगातार प्रयास भी कर रहे थे। सफलता हाथ नहीं लगी तो हाथी पर सवार हो गए।
संजय को विरासत में मिली राजनीति शिवहर की राजनीति में पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद रहे हरिकिशोर सिंह का सिक्का भी खूब चलता रहा है। वर्तमान विधायक शर्फुद्दीन भी हरिकिशोर सिंह की ही टीम के रहे हैं। उनके पूर्व सत्यनारायण प्रसाद की भी राजनीति में इंट्री हरिकिशोर सिंह ने ही कराई थी। वे इलाके के बड़े ठेकेदार थे तथा उनके करीबी भी। वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपने प्रभाव से सत्यनारायण प्रसाद को शिवहर से राजद का टिकट दिलवाने में सफलता पाई। सत्यनारायण प्रसाद ने 43,664 मत प्राप्त कर पंडित रघुनाथ झा के पुत्र अजीत कुमार झा (समता पार्टी) को पांच हजार 19 मत से हराया था। हालांकि, वर्ष 2003 में सत्यनारायण प्रसाद का निधन हो गया।
उस वक्त उनके पुत्र संजय गुप्ता पैतृक ठीकेदारी से लेकर राजनीति का कामकाज देखते थे। लिहाजा, पार्टी ने उन्हेंं 2004 के उपचुनाव में प्रत्याशी बनाने का निश्चय किया। उस चुनाव में सहानुभूति वोट के सहारे संजय विधायक चुने गए। उन्होंने जदयू के ठाकुर रत्नाकर राणा को 4,415 मतों से शिकस्त दी थी। फरवरी, 2005 में उन्हेंं टिकट नहीं दिया गया। राजद ने उनकी जगह पंडित रघुनाथ झा के पुत्र अजीत कुमार झा को शिवहर से अपना प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में संजय निर्दलीय ही मैदान में उतरे। उन्हेंं महज 15,709 मत मिले थे। हालांकि, अक्टूबर, 2005 में वे बेलसंड विस सीट से राजद के टिकट पर विधायक बने। उन्होंने जदयू की सुनीता सिंह चौहान को 983 मत के अंतर से हराया था।
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