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Bihar News: सोना तस्करी के भारत-म्यांमार सिंडिकेट का पर्दाफाश, दरभंगा से 39 लाख से अधिक का 13 किलो सोना जब्त

Bihar News दरभंगा के दिल्ली मोड़ से जब्त 13 किलो से अधिक सोना और गिरफ्तार पैडलर से भारत-म्यांमार सिंडिकेट का पर्दाफाश हुआ है। गिरफ्तार चार पैडलरों को डीआरआइ ने गुरुवार को विशेष कोर्ट में पेश किया। कार के गुप्त बाक्स से 13 किलो 272 ग्राम के कुल सोने की 80 पीस बुलियन जब्त की गई है। इसकी कीमत नौ करोड़ 39 लाख से अधिक बताई जा रही है।

By Arun Kumar Jha Edited By: Mohit Tripathi Updated: Fri, 15 Mar 2024 03:37 PM (IST)
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सोना तस्करी में भारत-म्यांमार सिंडिकेट का पर्दाफाश। (सांकेतिक फोटो)

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। दरभंगा के दिल्ली मोड़ से जब्त 13 किलो से अधिक सोना और गिरफ्तार पैडलर से भारत-म्यांमार सिंडिकेट का पर्दाफाश हुआ है। गिरफ्तार चार पैडलरों को राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) ने गुरुवार को विशेष कोर्ट में पेश किया।

इसमें राजस्थान के चुरू जिला के बिदासर थाना के बिदासर गांव के प्रह्लाद सिंह, जयपुर जिला के डूडू थाना के छपरवारा मोहल्ला के करमचंद, गणेश सिंह और नोरत सिंह शामिल हैं। गणेश सिंह उस कार का चालक है, जिसमें तस्करी के सोने की बिस्किट छिपा कर लाई जा रही थी।

इसी कार के गुप्त बाक्स से 13 किलो 272 ग्राम के कुल सोने की 80 पीस बुलियन (सोने की बिस्किट) जब्त की गई है। इसकी कीमत नौ करोड़ 39 लाख 60 हजार 285 रुपये बताई जा रही है। विशेष कोर्ट ने इन सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

गुवाहाटी से सिंडिकेंट का संचालन

राजस्थान के जयपुर के विमल कुमार सोनी तीन भाइयों के साथ म्यांमार से सोना तस्करी कर दिल्ली व जयपुर भेजता था। इसमें उसके भाई राजकुमार, अमित सोनी व अमन सोनी सहयोग करते थे। विमल गुवाहाटी में रहकर पूरे सिंडिकेंट का संचालन करता था।

इस सिंडिकेट के पैडलरों में प्रह्लाद, करमचंद, गणेश सिंह, नोरत सिंह व अन्य शामिल थे। ये गुवाहाटी से सोना लेकर दिल्ली व जयपुर पहुंचाते थे। वहां विमल के अन्य भाई इसे बाजार में खपाते थे।

बताया जा रहा है कि एक किलो सोना दिल्ली व जयपुर के बाजार में खपाने में डेढ़ लाख रुपये से अधिक का शुद्ध लाभ होता है। सोना तस्करों के सिंडिकेट से जुड़े चारों फिलहाल पकड़ से बाहर हैं।

छापेमारी की लग चुकी थी भनक

कार में गुप्त बाक्स में सोने की 80 बिस्किट को छिपाकर चल रहे पैडलर करमचंद को गुवाहाटी में बैठे तस्करों से वाट्सएप पर लगातार निर्देश मिल रहे थे। जब कार दरभंगा पहुंची तो तस्करों के सिंडिकेट को डीआरआइ की छापेमारी की भनक मिल चुकी थी।

इसलिए करमचंद के वॉट्सऐप पर सभी को दरभंगा में रुकने का निर्देश मिला। उसे कहा गया कि अगला निर्देश मिलने पर ही दिल्ली की ओर निकलना है। उसे मोबाइल सिम तोड़कर फेंकने को भी कहा गया।

इस निर्देश का पालन करते हुए उसने सिम तोड़ कर फेंक दिया और दिल्ली मोड़ के निकट कार को रोक दिया। तभी डीआरआइ की टीम ने छापेमारी कर सभी को पकड़ लिया।

दिल्ली व जयपुर के बाजार में बेचा जाता

भारत-म्यांमार सोना तस्करी के सिंडिकेट से जुड़े तस्करों ने गुवाहाटी को ट्रांजिट प्वॉइंट बनाया था। किसी को शक नहीं हो, इसलिए म्यांमार से कई बार में कम से कम मात्रा में सोने की तस्करी कर गुवाहाटी लाकर जमा करते थे। जब स्टॉक अधिक हो जाता था, तो उसे पैडलरों के माध्यम से दिल्ली व जयपुर भेजा जाता था। वहां के बाजार में बेचा जाता था।

डीआरआइ ने चार राज्यों में इस सिंडिकेट के विरुद्ध बुधवार को ऑपरेशन चलाया। इसमें गुवाहाटी, बारपेटा, दरभंगा, अररिया व गोरखपुर में किए गए ऑपरेशन में लगभग 40 करोड़ का 61.08 किलो सोना, 19 वाहन, नकदी व इलेक्ट्रानिक्स के समान जब्त किए गए। पूरे आपरेशन में 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

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