नेपाल के रास्ते भारत आने वाले घुसपैठियों की जुगत जान रह जाएंगे हैरान, विभाग का भी चकराया सिर
Infiltration on Indo-Nepal Border। भारत-नेपाल सीमा पर फर्जी दस्तावेज के साथ लगातार विदेशी पकड़े जा रहे हैं। हालांकि बिहार में 18 साल से अधिक आयु के लोगों का डॉक्यमेंट्स वेरिफिकेशन सुस्त है। अब ऐसे में ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिलों के डीडीसी को पत्र लिखा है। बताया जा रहा है कि सीमा पर फर्जी दस्तावेज का बड़ा खेल चल रहा है।
प्रेम शंकर मिश्रा, मुजफ्फरपुर: भारत-नेपाल सीमा पर फर्जी दस्तावेज लगातार पकड़ें जा रहे हैं। इसके बाद भी बिहार में 18 साल से अधिक उम्र के नागरिकों के आधार कार्ड बनाने से पहले दस्तावेज के वेरिफिकेशन में संबंधित जिलों के पदाधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं।
ये पदाधिकारी सही तरीके से डॉक्यूमेंट्स का सत्यापन नहीं कर रहे हैं। इससे आधार बनाने में फर्जीवाड़ा की संभावनाएं हैं। अब इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ग्रामीण विकास विभाग ने प्रदेश के सभी डीडीसी को पत्र जारी लिखा है।
जानकारी के मुताबिक, मधुबनी में नेपाल जाते समय बीते 21 सितंबर को एसएसबी ने उज्बेकिस्तान निवासी मुखब्बत मुरोडोवा को पकड़ा था। उसके पास से फर्जी आधारकार्ड मिला था।
इससे पहले 17 सितंबर को पूर्वी चंपारण के रक्सौल में बांग्लादेश निवासी श्रबन बरुआ को गिरफ्तार किया गया था। उसके पास भी फर्जी आधारकार्ड व पैनकार्ड मिला था।
ग्रामीण विकास विभाग ने डीडीसी को लिखा पत्र
अब ऐसे में ग्रामीण विकास विभाग अलर्ट हो गया है और राज्य के सभी डीडीसी का चिट्ठी लिखी है। संयुक्त सचिव अरविंद मंडल ने जारी पत्र में लिखा है कि राज्य के कई जिलों में अभी दस्तावेज सत्यापन का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। ऐसे में 45 दिनों में दस्तावेज सत्यापन नहीं होने से यह खुद अनुमोदित हो जाएगा।
ऐसे में माना जाएगा कि आधार निर्गत करने में राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। इसे देखते हुए सभी लंबित दस्तावेज का जल्द से जल्द सत्यापन कराने को कहा है। इस लेकर डीडीसी आशुतोष द्विवेदी ने एसडीओ पूर्वी एवं पश्चिमी को दस्तावेज का जल्द वेरिफाइड करने को कहा है।
पटना में सर्वाधिक दस्तावेज वेरिफिकेशन लंबित
रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के विभिन्न जिलों में 2823 दस्तावेज का सत्यापन नहीं हो सका है। इनमें सबसे अधिक संख्या पटना की है। यहां 386 दस्तावेज का सत्यापन लंबित है।
इसके अलावा मधुबनी में 229 मामले लंबित हैं। पूर्वी चंपारण में यह संख्या शून्य है। यहां न तो कोई दस्तावेज स्वीकृत किया गया और ना ही अस्वीकृत।
आधार केंद्रों के निरीक्षण में भी लापरवाही
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव के पत्र के अनुसार, सभी जिलों में बनाए गए स्थायी आधार पंजीकरण केंद्रों का निरीक्षण भी नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में निरीक्षण रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन जिलों से यह मिला है। निरीक्षण रिपोर्ट भेजने को भी कहा गया है।
इन दस्तावेज का किया जाता सत्यापन
- आवासीय स्थिति का सत्यापन। इसमें यह देखने की जरूरत है कि आवेदक कम से कम 182 दिनों से दिए गए पते पर रह रहा है या नहीं।
- पहचान का सत्यापन। इसमें देखना है कि फोटो, नाम, जेंडर या उम्र में अंतर तो नहीं है।
- अपलोड दस्तावेज का मूल प्रमाण पत्र से सत्यापन। इसमें पहचान पत्र, संबंध वाले प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र और जन्म प्रमाण पत्र में अंतर तो नहीं है।
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लंबित दस्तावेज की संख्या
जिला कुल जिला स्तर पर अनुमंडल स्तर पर
- अररिया 68 04 64
- अरवल 12 00 12
- औरंगाबाद 36 00 36
- बांका 15 00 15
- बेगूसराय 46 00 46
- भागलपुर 101 00 101
- भोजपुर 94 00 94
- बक्सर 27 00 27
- दरभंगा 53 02 51
- गया 136 00 136
- गोपालगंज 118 01 117
- जमुई 27 00 27
- जहानाबाद 47 00 47
- कैमूर 18 00 18
- कटिहार 37 01 36
- खगड़िया 51 00 51
- किशनगंज 62 00 62
- लखीसराय 16 00 16
- मधेपुरा 36 00 36
- मधुबनी 229 03 226
- मुंगेर 22 00 22
- मुजफ्फरपुर 113 00 113
- नालंदा 123 00 123
- नवादा 166 00 166
- पश्चिम चंपारण 210 00 210
- पटना 386 07 379
- पूर्वी चंपारण 00 00 00
- रोहतास 35 01 34
- सहरसा 45 00 45
- समस्तीपुर 38 00 38
- सारण 74 00 74
- शेखपुरा 29 00 29
- शिवहर 06 00 06
- सीतामढ़ी 109 00 109
- सिवान 58 00 58
- सुपौल 54 00 54
- वैशाली 59 00 59
- कुल 2823 19 2804
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