जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बिहार में शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं में अनियमितता की स्थलीय जांच शुरु होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। अब स्कूलों में वॉउचर और कोटेशन का फॉर्मेट भेजा जा रहा है।
स्कूलों के हेडमास्टर को कहा जा रहा कि इसके अनुरुप वॉउचर व कोटेशन तैयार कर दें। इंजीनियर वॉटसऐप ग्रुप पर फॉर्मेट डाला है। शिक्षा विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और इंजीनियरों की बेचैनी बढ़ चुकी है।
पिछले दिनों तिरहुत प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, अपर समाहर्ता विभागीय जांच, कार्यपालक अभियंता स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन शहरी क्षेत्र के कई स्कूलों की जांच किया था।
सबमर्सिबल, बेंच डेस्क से लेकर प्री फैब स्ट्रक्चर में अनियमितता हुई है। ठेकेदार व एजेंसी स्कूल के हेडमास्टर का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर भुगतान उठाने का आरोप है।
किसी तरह का बदलाव ना करें
कहा गया है कि वॉउचर, बिल, कोटेशन व अन्य किसी भी तरह के मामले में बदलाव नहीं करें। जांच एजेंसी को सही जानकारी दें। तथ्य को छुपाने पर हेडमास्टर ही फंसेंगे।
परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर व्रजवासी ने कहा कि जांच शुरु होने के बाद हेडमास्टर पर दबाव बनाया जा रहा है।
शिक्षा विभाग के अधिकारी और इंजीनियर ने फॉर्मेंट तैयार कर ग्रुप में डाले हैं। इस पर रिपोर्ट मांगी जा रही है।
प्रदेश अध्यक्ष ने हेडमास्टर से अनुरोध किया कि किसी भी स्थिति में अब वाउचर व कोटेशन पर हस्ताक्षर कर रिपोर्ट नहीं दें।
विदित हो कि बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग के मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने उप विकास आयुक्त को अनियमितता मामले की जांच कराने को कहा था। इसके बाद से पूरे मामले की जांच चल रही है।
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