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Muzaffarpur Smart City की योजना में भ्रष्टाचार और अनियमितताएं..., विधायक के सवाल पर सरकार ने दिया ये गोल-मटोल जवाब

स्मार्ट सिटी योजना के तहत 940 करोड़ रुपये की लागत से मुजफ्फर में कराए जा रहे विकास कार्यों में अनियमितता बरतने को लेकर विधायक सुदामा प्रसाद ने विधानसभा में सवाल उठाए हैं। सुदाम प्रसाद ने पूछा कि क्या सरकार सभी निर्माण कार्यों की जांच कराते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी या नहीं? उनके उठाए गए इस सवाल पर विभाग ने गोल-मटोल जवाब दिया है।

By Pramod kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Sat, 24 Feb 2024 03:49 PM (IST)
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मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी योजनाओं में अनियमितता। (सांकेतिक फोटो)
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। स्मार्ट सिटी योजना के तहत 940 करोड़ रुपये की लागत से शहर में कराए जा रहे कार्यों में अनियमितता बरतने एवं मानक के विपरीत हो रहे निर्माण को लेकर तरारी के भाकपा माले विधायक सुदामा प्रसाद ने विधानसभा में सवाल उठाए।

वह सरकार से जानना चाहते थे कि मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी योजना के तहत 940 करोड़ की लागत से शहर के विकास हेतु वर्ष 2017 में चयनित योजनाओं के निर्माण में घोर अनियमितता बरती गई तथा मानक के अनुरूप कार्य नहीं किया गया है। यदि यह बात सही है तो सरकार सभी निर्माण कार्यों की जांच कराते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी क्या, लेकिन उनके उठाए गए सवाल पर नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा गोल-मटोल जवाब दिया गया है।

विभाग ने अपने जवाब में क्या कहा?

विभाग ने अपने जवाब में कहा है कि योजना के तहत 19 परियोजनाओं का चयन किया गया था, जिनमें से 10 का काम पूरा हो चुका है। परियोजना मद में कुल 930 करोड़ रुपये की रा​शि आवंटित हुई थी, जिनमें से 643 करोड़ रुपये का उपयोग किया जा चुका है।

विभाग ने कहा है कि सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए कार्य कराया जा रहा है। कार्य के गुणवत्ता की जांच मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तकनीकी पदाधिकारी तथा आईआईटी पटना से कराई जा रही है। वित्तीय जांच, आंतरिक अंकेक्षण, वैधानिक लेखा परीक्षण सीएजी द्वारा नियमानुसार किया गया है।

विभाग ने स्मार्ट सिटी के काम को क्लीन चीट 

विभाग ने उनके सवाल के जवाब में कहा है कि शेष परियोजनाओं को तय अवधि के अंदर गुणवत्तापूर्ण एवं सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए पूर्ण कर लिया जाएगा।

विभाग ने विधायक के सवाल पर स्मार्ट सिटी के कार्य को क्लीन चीट दे दिया। इससे पहले महापौर निर्मला देवी भी केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री को पत्र लिखकर कार्यों में अनियमितता बरतने एवं मानक के विपरीत हो रहे कार्यों की शिकायत कर चुकी है, लेकिन आज तक न जांच हुई और न ही किसी पर कार्रवाई।

कागज पर हो गई मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी कंपनी की वार्षिक बैठक

मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड की छठी वार्षिक आम सभा 22 फरवरी को ऑनलाइन होनी थी। बैठक में कंपनी के चेयरमैन एवं नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल, बुडको प्रबंध निदेशक धर्मेंद्र सिंह, जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन को शामिल होना था।

इसके अलावा, महापौर निर्मला देवी, नगर आयुक्त एवं कंपनी के प्रबंध निदेशक नवीन कुमार, विभाग के संयुक्त सचिव राहुल वर्मण, अजय कुमार ठाकुर और केंद्रीय मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी एसबी प्रसाद एवं प्रमंडलीय आयुक्त गोपाल मीणा  को भी भाग लेना था।

हालांकि इस प्रकार की कोई भी बैठक आयोजित नहीं की गई। न ही सदस्यों के साथ किसी प्रकार की चर्चा की गई। लेकिन सदस्यों को फाइल भेजकर कागजी बैठक कर ली गई।

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