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माता ईशर गणगौर की पूजा शुरू, 'गौर-गौर गणपति, ईशर पूजै पार्वती' के गूंजने लगे स्वर Muzaffarpur News

ईशर गणगौर पर्व शुरू नवविवाहिताओं में हर्ष। 16 दिनों तक मनाया जाएगा पर्व माता गणगौर की होती पूजा।

By Murari KumarEdited By: Updated: Thu, 12 Mar 2020 01:26 PM (IST)
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माता ईशर गणगौर की पूजा शुरू, 'गौर-गौर गणपति, ईशर पूजै पार्वती' के गूंजने लगे स्वर Muzaffarpur News
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Ishar Gangaur the major festival of Marwari society started मारवाड़ी समाज के प्रमुख पर्व ईशर गणगौर शुरू हो गया है। घरों में गणगौर माता की स्थापना की जा चुकी है। 'गौर-गौर गणपति, ईशर पूजै पार्वती...Ó के गीत गूंजने लगे हैं। आचार्य विष्णु शर्मा बताते हैं कि सौभाग्य का यह पर्व मारवाड़ी समाज में काफी महत्व रखता है। 16 दिन तक मनाए जाने वाले इस पर्व की शुरुआत धुलण्डी के दिन से होती है। यह बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। मंगलवार को विभिन्न घरों में गणगौर माता की स्थापना कर पूजा शुरू की गई। 

नवविवाहिताओं के लिए है पूजा का खास महत्व

नवविवाहिताओं के लिए इस पूजा का खास महत्व होता है। नवविवाहिताएं इस पर्व पर अपने पिता के घर में रहकर सोलह दिनों तक माता गणगौर की पूजा करती हैं और अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस दौरान 'गौर-गौर गणपति, ईशर पूजे पार्वती...Ó जैसे मंगल गीतों के साथ पूजा कर महिलाएं मां गौरी की मनुहार में जुटी रहती हैं।

 महिलाएं गणगौर पूजा के लिए बाग-बगीचे और उद्यानों में जल व दूब लेने जाती हैं। वे सिर पर मंगल कलश रख कर मंगल गीत गाती हुई दूब और जल लेकर आती हैं और फिर इससे गणगौर पूजा की जाती है। शीतलाष्टमी पर छोटी बच्चियों को ईशर-गणगौर बनाकर उद्यानों में ले जाया जाएगा। बताते चलें कि होलिका दहन की राख से सोलह पिंडियां बनाकर उनकी 16 दिनों तक पूजा की जाती है। यह पूजा गणगौर उत्सव तक लगातार होती है। 

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