Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Year Ender 2023 : मुजफ्फरपुर जिले में बढ़ा उद्योग का आकार, जीविका दीदियों को मिलने लगा रोजगार

Bihar Year Ender 2023 साल 2023 अब जाने को है। बिहार में इस साल कई बदलाव हुए। उनमें से एक बदलाव उद्योग के क्षेत्र में भी हुआ है। प्रदेश के मुजफ्फरपुर जिले में उद्योगों का विस्तार हुआ है। इसके सुखद परिणाम देखने को मिल रहे हैं। खास तौर पर महिलाओं के मामले में यह बदलाव कहीं अधिक प्रोत्साहित करने वाला है।

By Amrendra Tiwari Edited By: Yogesh Sahu Updated: Thu, 28 Dec 2023 08:10 PM (IST)
Hero Image
Year Ender 2023 : मुजफ्फरपुर जिले में बढ़ा उद्योग का आकार, जीविका दीदियों को मिलने लगा रोजगार

अमरेन्द्र तिवारी, मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर जिले में इस वर्ष औद्योगिक क्षेत्र का दायरा बढ़ा है। परिणाम यह हुआ की जीविका दीदियों को रोजगार मिला।

घर परिवार चलाने वालीं महिलाएं जीवका समूह से जुड़कर यूनिट संभाल रही हैं। उनके इस माडल को दखने खुद सीएम नीतीश कुमार आए। प्रोत्साहित किया।

उसका परिणाम रहा कि एक हजार से ज्यादा दीदियां लेदर क्लस्टर से जुड़कर सबल हो रही हैं। मोतीपुर में नए औद्योगिक क्षेत्र का विकास हुआ।

यहां पर अदाणी समूह, ब्रिटेनिया, पारलेजी व अनमोल समूह ने यूनिट लगाने का प्रस्ताव दिया है। इसी तरह से बेला औद्योगिक इलाके में इस साल बने टेक्सटाइल क्लस्टर में यूनिट लगाने के लिए वीटू स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमटेड, आरियंट क्राफ्ट लिमिटेड, कोमल ग्रुप, मेट्रो सी लिमिटेड, पार्ट ग्लोबल, शियासी यूनिफार्म, स्टेनफो कंपनी के प्रस्ताव आए हैं।

सभी रेडीमेड वस्त्र की यूनिट लगाएंगी। बिहार बिजनेस कनेक्ट-2023 में शामिल होने आए निवेशकों ने करीब 50 हजार करोड़ के निवेश की सहमति दी है। इसमें सबसे ज्यादा मेगा फूड पार्क के लिए है।

क्लस्टर से जुड़ीं 750 दीदियों को मिला रोजगार

बेला औद्योगिक इलाके में लेदर क्लस्टर का विस्तार किया गया है। यहां पर 750 महिलाओं को काम मिला। जीविका की कार्यक्रम प्रबंधक अनीशा के अनुसार 42 जीविका दीदियों को उद्यमी का प्रशिक्षण दिलाया गया।

उनको मुख्यमंत्री योजना से दस लाख तथा जीविका की ओर से पांच लाख की राशि मिली। उद्यमी दीदी को औद्योगिक क्षेत्र में 42 शेड मिले हैं। वहां पर 750 दीदियों को रोजगार मिला है।

जीविका के जिला सहायक कार्यक्रम प्रबंधक रीतेश कुमार व गैर कृषि कार्य प्रबंधक विकास कुमार पाण्डेय ने बताया कि जीविका दीदियों के लिए एक शेड में 24 मशीनें लगी हैं।

एक साल में आठ लाख बैग का उत्पादन हुआ। इससे साढे़ चार करोड़ राजस्व आया है। औसतन एक उद्यमी को हर माह 17 से 20 हजार तथा उनके अधीन काम करने वाली जीविका दीदियां सिलाई करके छह से 15 हजार तक महीना कमा रही हैं।

प्रबंधक विकास ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उद्योग मंत्री समीर महासेठ, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार समय-समय पर आते रहते हैं।

खास बातें

  • 905.57 एकड़ जमीन मोतीपुर में, अलग-अलग जगहों पर औद्योगिक इलाके का हो रहा है विकास
  • 10,000 मीट्रिक टन क्षमता का बन रहा वहां पर दो वेयर हाउस
  • मोतीपुर मेगा फूड पार्क में स्नैक्स, स्वीट्स, नमकीन, आटा, सीड प्रोसेसिंग, फ्लावर मिल का प्रस्ताव

मोतीपुर में लगी इथनाल की यूनिट

मोतीपुर औद्योगिक क्षेत्र में चार यूनिट इथनाल की लगी। यहां पर दो यूनिट में उत्पादन हो रहा है। इसके साथ बेला औद्योगिक इलाके में मुर्गी दाना की फैक्ट्री चल रही। इससे रोजगार का नेटवर्क मजबूत हुआ।

378 एकड़ में फैले बेला औद्योगिक इलाके में उद्योग लगाने की व्यापक संभावनाएं हैं। यहां पर निवेशक आ रहे हैं। अपर मुख्य सचिव संदीप पैंड्रिक की देखरेख में विस्तार हो रहा है। वहीं 905.57 एकड़ जमीन मोतीपुर में है। उसमें 144 एकड़ में मोतीपुर फूड पार्क बन रहा। - धर्मेन्द्र सिंह, जिला उद्योग महाप्रबंधक

यह भी पढ़ें

BPSC शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए KK Pathak का बड़ा आदेश, अब इन कैंडिडेट्स की नहीं होगी काउंसलिंग

Bihar Professor Jobs: डीएमआई में सहायक, एसोसिएट व प्रोफेसर के पद पर बंपर भर्ती, 31 जनवरी तक करें आवेदन; ये रहा डायरेक्ट लिंक