पुरानी यादों को ताजा करते हुए बोली कि इस पावन अवसर पर उसकी मां अगर जिंदा होती तो यह खुशी दोगुना हो जाती। कहती हैं कि मेरे पापा राममंदिर का सपना लेकर पावन भूमि अयोध्या गए थे। कारसेवा के क्रम में तत्कालीन सरकार के आदेश पर गोली चली और वह चल बसे। इतने साल बाद अब जब वहां भव्य राम मंदिर बन रहा है तो बहुत खुशी है।
By Amrendra TiwariEdited By: Rajat MouryaUpdated: Tue, 12 Dec 2023 02:31 PM (IST)
अमरेन्द्र तिवारी, मुजफ्फरपुर। राम मंदिर निर्माण का सपना पूरा हो रहा है, इससे मेरा पूरा परिवार खुश है। राम मंदिर निर्माण के आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले बलिदानी कांटी के संजय कुमार सिंह की बेटी को मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के लिए न्योता आया है। जिले के कांटी साईन निवासी बलिदानी कारसेवक संजय कुमार सिंह की बेटी स्मृति चौधरी को अयोध्या तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने न्योता भेजा है।
पुरानी यादों को ताजा करते हुए बोली कि इस पावन अवसर पर उसकी मां अगर जिंदा होती तो यह खुशी दोगुना हो जाती। कहती हैं कि मेरे पापा राममंदिर का सपना लेकर पावन भूमि अयोध्या गए थे।कारसेवा के क्रम में तत्कालीन सरकार के आदेश पर गोली चली और वह चल बसे। इतने साल बाद अब जब वहां भव्य राम मंदिर बन रहा है, तो बहुत खुशी है।
पिता के जाने के बाद मां का भी निधन हो गया। दो बहन है। छोटी बहन कृति को भी अगर बुलावा आता तो वह भी सपरिवार उसमें शामिल होती। इसके लिए भी वह आमंत्रण देने आए बंधुओं से बोली है।
फिलहाल वह राजस्थान के बांसवाड़ा में है। वहां से सड़क मार्ग से अयोध्या जाने की तैयारी में जुटी हुई है । 20 जनवरी को वह वहां से निकलेगी। यहां से अयोध्या जाने के लिए ट्रेन की सेवा नहीं होने से वह सपरिवार चारपहिया से ही जाने का प्लानिंग की है।
बलिदानी संजय कुमार सिंह की फाइल फोटो।
गांव में लगी प्रतिमा, मनेगा उत्सव
संजय दूसरी कारसेवा में शामिल हुए थे। उनके नाम पर शहीद कारसेवक संजय स्मृति ट्रस्ट बनाया गया है। ट्रस्ट के अध्यक्ष व संजय के साथ कारसेवा में शामिल रहे भाजपा नेता डॉ. अरविद कुमार सिंह कहते हैं कि संजय की शहादत व्यर्थ नहीं गई।आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है। गांव में संजय की प्रतिमा लगी है। प्रतिमा निर्माण समिति के अध्यक्ष कांटी के पूर्व प्रमुख मुकेश पांडेय ने शहीद नमन स्थल बनाने को जमीन दान की है।
वहां प्रतिमा लगाने के साथ पार्क व सड़क निर्माण का काम चल रहा है। प्राण प्रतिष्ठा है उसे दिन गांव में भी भव्य समारोह होगा।
दो नवंबर 1990 को हुई थी घटना
कारसेवा के गवाह रहे भाजपा नेता डॉ. अरविंद बताते हैं कि पहली कारसेवा 30 अक्टूबर 1990 और दूसरी कारसेवा दो नवंबर 1990 को हुई थी।दूसरी कारसेवा के समय पांच हजार कार सेवकों का जत्था मंदिर की ओर बढ़ रहा था। हनुमान गढ़ी के पास पुलिस ने अचानक पीछे से गोली चला दी।
उस घटना में पांच लोग शहीद हो गए थे, जिनमें बिहार के संजय कुमार भी शामिल थे। संजय माता-पिता परिवार के इकलौते बेटे थे। विधवा बूढ़ी मां, पत्नी और दो मासूम बच्चियों का जीवन-यापन उन्हीं पर निर्भर था।उन्होंने बताया कि संजय के गुजरने के बाद परिवार को काफी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। काफी मशक्कत से संजय की पत्नी रंभा कुमारी की नौकरी लग पाई, लेकिन कैंसर से लड़ते हुए उन्होंने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
अब दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है। जब संजय का बलिदान हुआ उसे समय बड़ी बेटी दो साल दस माह तो छोटी बेटी डेढ़ माह की थी।कारसेवक संजय की धर्मपत्नी रंभा कुमारी बेटियों का लालन-पालन किया। पहली बेटी स्मृति राजस्थान के बांसवाड़ा में वह दूसरी बेटी कीर्ति मुजफ्फरपुर के खबड़ा में सपरिवार रहती है।
पूरे देश में उत्सव होगा : गौतम
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान के प्रांत संपर्क प्रमुख कृष्ण मुरारी गौतम ने कहा कि हमारे यहां से 29 लोगों को आमंत्रण आया है।
इसमें से स्मृति ऐसी परिवार की बेटी है, जिसने प्रभु श्री राम की सेवा के लिए बलिदान दिया है। बाकी जिन लोगों को आमंत्रण है, वह अलग-अलग क्षेत्र के विशिष्ट लोग हैं।स्मृति के लिए वहां जाने और ठहरने आदि का प्रबंध किया जा रहा है। सनातन समाज के लिए यह गौरव की बात है कि अयोध्या में रामलला विराजमान हो रहे हैं। उसे दिन पूरे देश में उत्सव का माहौल होगा।
ये भी पढ़ें- बिहार में तेजी से पनप रहा नशे का कारोबार, शहरी क्षेत्र में ड्रग पैडलर एक्टिव; गली-मोहल्ले में धड़ल्ले से हो रही स्मैक-ब्राउन शुगर की बिक्री
ये भी पढ़ें- Bihar News : अधर में 70 हजार स्कूली बच्चों का भविष्य! नहीं मिल पाएगा योजनाओं का लाभ, हेडमास्टर-बीईओ को दी गई चेतावनी
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।