KK Pathak के विभाग में फर्जी मार्कशीट के आधार पर प्रमोशन, DEO को मिली 3 दिन की डेडलाइन, करना होगा ये काम
डीईओ मुजफ्फरपुर कार्यालय के प्रधान लिपिक अरुण कुमार को प्रोन्नति दी गई थी। प्रोन्नति से पहले विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। विभागीय द्वितीय परीक्षा के अंक पत्र में छेड़-छाड़ कर फेल को पास कर दिया गया। इसके आधार पर प्रोन्नति स्थापना समिति ने अरुण को प्रधान लिपिक के पद पर प्रोन्नति दे दी। गलत अंक पत्र के आधार पर प्रोन्नति दिए जाने का शिकायत की गई।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। शिक्षा विभाग में फर्जी अंक पत्र के आधार पर लिपिक (क्लर्क) को प्रोन्नति दी गई है। मामले का खुलासा होने के बाद से शिक्षा अधिकारी और कर्मचारियों की बेचैनी बढ़ गई है। पूरे मामले में डीईओ कार्यालय की भूमिका संदेह के घेरे में है।
क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक ने मामले को काफी गंभीरता से लिया है। डीईओ से तीन दिनों के अंदर दोषी पदाधिकारी व कर्मचारी को चिह्नित कर स्पष्ट रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। आरडीडीई ने प्रोन्नति स्थापना समिति की बैठक दूसरे सप्ताह में बुलाई है। जिसमें प्रोन्नति के मामले को रखा जाएगा।
डीईओ मुजफ्फरपुर कार्यालय के प्रधान लिपिक अरुण कुमार को प्रोन्नति दी गई थी। प्रोन्नति से पहले विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। विभागीय द्वितीय परीक्षा के अंक पत्र में छेड़-छाड़ कर फेल को पास कर दिया गया। इसके आधार पर प्रोन्नति स्थापना समिति ने अरुण को प्रधान लिपिक के पद पर प्रोन्नति दे दी।
गलत अंक पत्र के आधार पर प्रोन्नति दिए जाने का शिकायत की गई। जिसके आधार पर पूरे मामले की जांच कराई गई है। क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक ने डीईओ से इस मामले में रिपोर्ट तलब की, लेकिन स्पष्ट प्रतिवेदन नहीं दिया गया है।
डीईओ ऑफिस से संचिका गायब
डीईओ ऑफिस से प्रोन्नति व अंक पत्र से जुड़ी संचिका गायब है। आरडीडीई को सूचित किया गया कि संचिका नहीं मिल रही है। इस मामले में प्रमाण पत्र निर्गत करने वाले अधिकारी व कर्मचारी के नाम मांगे गए हैं। ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।उधर, क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय ने एससीईआरटी को भी अंक पत्र सत्यापित करने को पत्र भेजा। उसने पत्र को मेल के माध्यम से सूचित करते हुए कहा कि 1999 में परीक्षा हुई थी। इस परीक्षा में अरुण कुमार फेल हैं। एससीईआरटी के मेल से स्पष्ट हो गया कि गलत अंक पत्र के आधार पर प्रोन्नति दी गई है। आरडीडीई ने मामले को काफी गंभीरता से लिया है। स्थापना समिति की बैठक में पूरे मामले को रखा जाएगा।
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