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Kolkata Doctor Case: पूरे बिहार के सरकारी व निजी अस्पतालों में सेवाएं बंद, मुजफ्फरपुर के SKMCH में मरीजों का हाल बेहाल

पूरे भारत में शनिवार को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में महिला चिकित्सक के साथ हुई दुष्कर्म की घटना के बाद हत्या के विरोध में चिकित्सक हड़ताल पर हैं। इसी क्रम में बिहार के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों पर ताला लटका है। मुजफ्फरपुर जिले में भी सरकारी से लेकर निजी से अस्पतालों में मरीज सेवाएं नहीं दे रहे हैं। ऐसा ही हाल सदर अस्पताल और एसकेएमसीएच का देखने को मिला।

By Amrendra Tiwari Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Sat, 17 Aug 2024 01:34 PM (IST)
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बिहार के अस्पतालों में डॉक्टरों का धरना-प्रदर्शन जारी
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में चिकित्सक की हत्या (Kolkata Female Doctor Rape And Murder) के विरोध में चिकित्सक हड़ताल पर हैं। निजी अस्पताल से लेकर सरकारी अस्पताल में मरीज सेवा नहीं दे रहे हैं।

सदर अस्पताल और एसकेएमसीएच में इमरजेंसी सेवा चल रही हैं।‌ सदर अस्पताल के प्रबंधक प्रवीण कुमार ने बताया कि चिकित्सक के हड़ताल के कारण आउटडोर सेवा को बंद कर दिया गया है।

प्रबंधक सुबह आठ बजे सदर अस्पताल में आए और निबंध काउंटर को बंद कराया। जूनियर चिकित्सकों ने एसकेएमसीएच का ओपीडी बंद कराया।‌ जूनियर चिकित्सकों ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलता विरोध जारी रहेगा।

मरीजों को हो रही परेशानी

एसकेएमसीएच जूनियर चिकित्सक संघ के अध्यक्ष प्रशांत ने कहा की‌ सरकार उनकी मांग को नहीं मान रही। इसलिए पहले ओपीडी अनिश्चितकालीन बंद रहेगा। इलाज नहीं होने से मरीज इधर-उधर भटकते रहे। अध्यक्ष ने कहा कि अस्पताल में सिर्फ भर्ती मरीजों का ही इलाज किया जाएगा।

आईएमए के जिला अध्यक्ष डॉ सीबी कुमार ने कहा कि कोलकाता में चिकित्सक की बलात्कार के बाद हुई हत्या के खिलाफ लिए में शनिवार की सुबह 6 बजे से लेकर रविवार की सुबह 6 बजे तक निजी अस्पताल में इमरजेंसी व ओपीडी को बंद करने का आह्वान किया है।

चिकित्सकों के हड़ताल की वजह से मुज़फ्फरपुर के सदर अस्पताल व निजी अस्पताल में परेशान मरीज

केवल अस्पताल में भर्ती मरीजों का होगा इलाज

जिले में निजी अस्पताल में केवल भर्ती मरीजों का ही इलाज होगा इमरजेंसी व ओपीडी सेवा बंद रहेगी। वरीय चिकित्सक आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डा संजय कुमार ने कहा कि कोलकाता में चिकित्सक कि बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई है। इसको लेकर चिकित्सक हड़ताल पर है।

चिकित्सकों की क्या हैं मांग?

  • पोस्टग्रेजुएट रेजिडेंट डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के जघन्य अपराध में शामिल दोषियों और आरजीकेएआर मेडिकल कॉलेज में आधी रात के बाद प्रदर्शनकारी चिकित्सक पर हमले में शामिल लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए।
  • एसकेएमसीएच व अन्य अस्पताल में रात्रि पाली में काम करने वाले चिकित्सक के लिए वार्डों और इमरजेंसी में एक अलग पुरुष व‌ महिला चिकित्सक के कमरे और वाशरूम का प्रावधान किया जाए
  • पूरे कॉलेज और अस्पताल परिसर को कवर करने वाले पूरी तरह कार्यात्मक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
  • पूरे कॉलेज और अस्पताल परिसर में कार्यात्मक स्ट्रीट लाइट का प्रावधान किया जाए।
  • चिकित्सक के लिए चौबीस घंटे सात दिन के आधार पर अलग कैफेटेरिया का प्रावधान‌ किया जाए।
  • पूरे कॉलेज परिसर और अस्पताल में चौबीस घंटे सातों‌ दिन सक्षम गार्ड की व्यवस्था की जाए।
  • आपातकालीन पैनिक बटन की स्थापना‌ की जाए।
  • चिकित्सक के लिए अलग से पार्किंग की जगह तथा स्नातकोत्तर निवासियों के लिए अलग छात्रावास और उचित सुरक्षा व्यवस्था‌ की जाए।

सहरसा में भी मरीजों को हो रही परेशानी

कोलकाता मेडिकल कॉलेज की घटना के विरोध में सभी सरकारी व निजी क्लीनिक में इलाज बंद रहने से मरीजों को काफी परेशानी हुई। सहरसा के सदर अस्पताल की ओपीडी में आए मरीज को बिना इलाज के ही लौटना पड़ा।

सहरसा में सदर अस्पताल में बंद पंजीयन काउंटर

पंजीयन काउंटर, दवा वितरण काउंटर पर एक भी कर्मी नही थे। जांच केंद्र में कुछ मरीज अपना रिपोर्ट ले रहे थे। मरीजों को जानकारी देने के लिए ओपीडी के हेल्प काउंटर पर दो नर्स की तैनाती की गई है।

अपने बच्चे का इलाज कराने साहपुर से आई रंभा देवी ने बताया कि तीन दिन से बुखार है। डॉक्टर से दिखाने आए थे। इलाज नहीं होने से काफी दिक्कत हुई। अब दुकान से दवा लेकर लौट जायेंगे। अस्पताल के इमरजेंसी वॉर्ड में मरीजों को देखा जा रहा था।

जीएमसीएच में बंद पड़ा दवाई काउंटर

हड़ताल का जायजा लेने अस्पताल पहुंचे आईएमए अध्यक्ष डॉक्टर के के झा ने बताया की हड़ताल पूरी तरह सफल है। सभी बिजी क्लीनिक व सरकारी अस्पताल बंद है। इमरजेंसी सेवा सदर में जारी है। इस दौरान डॉक्टर विनय कुमार सिंह, डॉक्टर के सी झा, डॉक्टर तारिक आदि मौजूद थे।

भागलपुर के अस्पताल का हाल?

भागलपुर के जेएलएनएमसीएच में जूनियर डॉक्टर का हड़ताल जारी। आंदोलन के दूसरे दिन डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा बंद कर दी गई हैं। सभी मरीज परेशान हैं। गंभीर मरीजों के लिए डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवा रात ग्यारह बजे से आरंभ कर दी है। वहीं, आईएमए के आह्वान पर जिले के 500 निजी क्लीनिक में ओपीडी सेवा बंद कर दी गई है।

भागलपुर के जेएलएनएमसीएच में परेशान मरीज

सरकारी और निजी अस्पताल में शनिवार को करीब 9000 मरीजों को बिना इलाज के ही अपने घर वापस लौटना पड़ा। दूसरी और डॉक्टर्स के आंदोलन को लैब टेक्नीशियन का संगठन अमाल्टा ने भी समर्थन दिया है। इस संगठन की करीब 120 लैब बंद हैं। जांच के लिए भी मरीजों को परेशानी हो रही है।

हाजीपुर के अस्पतालों में भी सभी सेवाएं बंद

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के सेमिनार हॉल में सेकंड ईयर की छात्रा की हत्या व दुष्कर्म के विरोध में सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने ओपीडी कार्य का बहिष्कार कर दिया। इसके कारण वैशाली जिले के विभिन्न प्रखंड से सदर अस्पताल इलाज के लिए आए मरीज इधर-उधर भटक रहे हैं।

हाजीपुर के सदर अस्पताल का नजारा

डॉक्टरों ने कहा कि कोलकाता में एक डॉक्टर के साथ हुई घटना की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है। घटना काफी दुखद है इसकी घटना काफी दुखद है। इसकी जांच कर दोषियों को कठोर से कठोर सजा मिलनी चाहिए। डॉक्टर ने कहा कि सरकार को सभी डॉक्टर के लिए सुरक्षा उपलब्ध करानी चाहिए। काम करने में काफी परेशानी होती है।

हाजीपुर की सदर अस्पताल में बंद पड़ी ओपीडी का नजारा

डॉक्टर अस्पताल छोड़कर कहीं भी इलाज करने के लिए जाते हैं, तो वहां भी उन्हें सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए। ओपीडी सेवा बाधित होने के कारण वैशाली जिले के विभिन्न प्रखंड से इलाज कराने सदस्य अस्पताल आए मरीज इधर-उधर भटक रहे हैं। वहीं कई मरीज सदर अस्पताल के ओपीडी में इलाज नहीं होने के बाद अपने घर वापस लौट गए।

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