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Marriage Dates: देवोत्थान एकादशी से शुरू होगा शादियों का सीजन, 12 नवंबर को तुलसी विवाह; जानिए प्रमुख तिथियां

देवोत्थान एकादशी के साथ ही शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा 12 नवंबर को तुलसी विवाह के बाद 15 नवंबर से शादियों के लिए शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएंगे। नवंबर-दिसंबर में 15 और अगले साल जनवरी से मार्च तक 36 लग्न हैं। इसको लेकर खरीदारी भी शुरू हो गई है। जानिए इस शादी सीजन की खास बातें और प्रमुख तिथियां।

By Gopal Tiwari Edited By: Rajat Mourya Updated: Sat, 09 Nov 2024 03:08 PM (IST)
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देवोत्थान एकादशी से शुरू होगा शादियों का सीजन, 12 नवंबर को तुलसी विवाह
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। दीपावली-छठ के बाद से विवाह एवं अन्य मांगलिक कार्य शुरू हो गए, लेकिन बीच में पांच दिनों के भदवा के कारण बंधन के शुभ कार्य नहीं होंगे। नवंबर-दिसंबर में 15 वैवाहिक मुहूर्त हैं। वहीं, अगले साल 2025 में जनवरी से मार्च तक 36 लग्न हैं। इसको लेकर खरीदारी भी शुरू हो गई है।

बता दें कि देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को मनाने के बाद 18 जुलाई से चातुर्मास प्रारंभ हो गया था।

  • नवंबर में 17, 18, 22, 23, 24, 25, 26 को लग्न है।
  • दिसंबर में 2, 3, 4, 5, 9, 10, 11, 13, 15 तक लग्न है।
16 दिसंबर से धनु राशि में सूर्य प्रवेश करेंगे और इसके साथ ही खरमास शुरू हो जाएगा। इसके कारण वैवाहिक व मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे। 2025 में मार्च तक के लग्न जनवरी में 16, 17, 18, 19, 21, 22, 23, 26 तक लग्न है।

फरवरी में 1, 2, 3, 6, 7, 8, 12, 13, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22 ,23 ,24, 25 तक मुहूर्त है। मार्च में आठ लग्न हैं। इसमें 2, 3, 6, 7, 12, 13 व 14 है।  14 मार्च के बाद से खरमास शुरू हो जाएगा जो 14 अप्रैल तक चलेगा। उसके बाद फिर लग्न शुरू होगा।

भाई-बहन के प्रेम का पर्व सामा चकेवा शुरू

भाई-बहन के प्रेम का पर्व सामा चकेवा शुक्रवार से शुरू हो गया। बाजार व गांव में सामा चकेवा की मूर्तियां बिकनी शुरू हो गई हैं। छठ पारण के दिन से यह पर्व शुरू हो जाता है। महिलाएं ने सामा चकेवा की पूजा की। सामा, चकेवा, वृंदावन, चुगला, सतभैया, पेटी, पिटारा आदि मिट्टी का बनाया गया। रात के समय आंगन या दरवाजे पर बैठकर बहनें गीत गाएंगी। उसके बाद कार्तिक पूर्णिमा की रात में सामा का विसर्जन करेंगे।

सामा भगवान श्रीकृष्ण की थीं पुत्री:

मान्यता है कि सामा भगवान श्रीकृष्ण की पुत्री थीं, जो प्रत्येक दिन वृंदावन के जंगल में खेलने जाया करती थीं। एक दिन चुंगला नाम के एक व्यक्ति ने श्रीकृष्ण से झूठ बोल दिया कि आपकी बेटी किसी साधु से मिलने जाती है। इसपर भगवान श्रीकृष्ण बेटी सामा को पक्षी बनने का श्राप दे दिया। सामा रूपी यह पक्षी वृंदावन के जंगल में ही रहता था।

एक दिन सामा के भाई चकेवा को पता चला कि मेरी बहन को चुगला ने चुगल्पन करके श्राप दिलवा दिया है तो उसी दिन तपस्या में बैठ गए और भगवान को प्रसन्न किया। भगवान ने वर मांगने को कहा तो बहन को वापस मांग लिया। उसी समय से यह पर्व भाई-बहन का मानाया जाने लगा।

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