Bihar Politics: उत्तर बिहार में हाथी 'शोपीस', जमानत भी नहीं बचा पा रहे Mayawati के उम्मीदवार
Bihar BSP Candidates उत्तर बिहार में मायावती के कैंडिडेट अपनी जमानत भी नहीं बचा पा रहे हैं। हाथी सिर्फ शोपीस ही नजर आता है। झंझारपुर से गुलाब यादव को छोड़ दिया जाए तो किसी भी जगह स्थिति दमखम वाली नहीं दिखती। गुलाब यादव भी वीआईपी से टिकट नहीं मिलने पर राजद छोड़कर बसपा में गए। अन्य सीटों पर उसके प्रत्याशी महज शोपीस हैं।
दिलीप कुमार जायसवाल, मुजफ्फरपुर। उत्तर बिहार में बसपा का भले ही कोई जनाधार न हो, लेकिन यहां की 11 सीटों पर उसके प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। झंझारपुर से गुलाब यादव को छोड़ दिया जाए तो किसी भी जगह स्थिति दमखम वाली नहीं दिखती।
गुलाब यादव भी वीआईपी से टिकट नहीं मिलने पर राजद छोड़कर बसपा में गए। अन्य सीटों पर उसके प्रत्याशी महज 'शोपीस' हैं। उनके पक्ष में पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती की सभा भी नहीं होनी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां की 10 सीटों पर बसपा ने प्रत्याशी खड़े किए थे।
वाल्मीकिनगर छोड़ किसी भी प्रत्याशी को दो प्रतिशत वोट भी नहीं मिले थे। सभी की जमानत जब्त हो गई थी। उस चुनाव में सबसे अधिक 62 हजार 963 वोट वाल्मीकिनगर के प्रत्याशी दीपक यादव को मिले थे। उनका वोट प्रतिशत महज 6.1 था। इस बार वे राजद के टिकट पर मैदान में हैं।
पश्चिम चंपारण से प्रत्याशी राकेश कुमार 1.1 प्रतिशत वोट (11 हजार 427) पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। दरभंगा से मो. मुख्तार को 1.2 प्रतिशत वोट मिले थे। 11 हजार 255 वोटों के साथ वे चौथे स्थान पर रहे थे।
मुजफ्फरपुर से प्रत्याशी रहीं स्वर्णलता देवी 9,095 यानी 0.9 प्रतिशत वोट पाकर पांचवें स्थान पर थीं। समस्तीपुर के प्रत्याशी मंतेश कुमार, शिवहर के मुकेश कुमार झा व वैशाली के शंकर महतो छठे स्थान पर रहे थे। इन्हें क्रमश: 1.1, 1.2 और 1.3 प्रतिशत मत मिले थे।
आठवें स्थान पर रहनेवाले झंझारपुर के राजकुमार सिंह को 0.9 प्रतिशत व उजियारपुर के नवीन कुमार को 1.0 प्रतिशत वोट मिले थे। सीतामढ़ी के बसपा प्रत्याशी जसीम अहमद को महज 0.7 प्रतिशत मत मिले थे। वे 10वें स्थान पर रहे थे।
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