महाराज डॉ. कामेश्वर सिंंह की 113 वीं जयंती पर दरभंगा राज परिवार फिर दोहरा रहा सेवा का संकल्प
113th Birth Anniversary of Dr. Kameshwar Singh दरभंगा के महाराज डॉ. कामेश्वर सिंह की 113 वी जयंती पर दिव्यांगों की सेवा को शिविर। महाराज की ओर से की जानेवाली जन चिंता की बात को आगे लेकर बढ़ रहीं राज परिवार से जुड़ी संस्थाएं।
By Edited By: Updated: Sat, 28 Nov 2020 01:39 PM (IST)
दरभंगा [संजय कुमार उपाध्याय]। दरभंगा की जब भी बात होती है तो राज परिवार और यहां के महाराजाधिराज डॉ. कामेश्वर सिंह के बिना बात पूरी नहीं होती। दरअसल इस शहर में जहां भी नजर जाती है महाराज की स्मृति ताजा हो जाती है। उनकी कीर्ति सामने होती है। इन सबके बीच उनकी ओर से की जानेवाली जन ¨चता की बातें। बात आम आदमी के सेहत की हो या फिर शिक्षा और रोजगार की हर क्षेत्र में महाराज के काम आज भी नजीर हैं। सबसे उपर है उनकी ओर से की जानेवाली जन चिंंता और उनका सेवा भाव। यह शनिवार दरभंगा के लिए खास है। खास इस कारण से कि दरभंगा को जिस व्यक्ति ने पूरी दुनिया में पहचान दी। यह शनिवार उसी व्यक्तित्व महाराजाधिराज डॉ. कामेश्वर सिंह की 113 वीं जयंती मनाने को तैयार है।
दादा की जन चिंंता को आत्मसात करने का संकल्प इस बार यह दिन खास इस कारण से भी है क्योंकि इस बार राज परिवार के दो युवाओं ने अपने दादा की जन चिंंता को आत्मसात करने का संकल्प लिया है। महाराज के पौत्र कुमार राजेश्वर सिंह और कुमार कपिलेश्वर सिंह ने महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह चैरिटेबुल ट्र्स्ट के तत्वावधान में विशाल दिव्यांग कैंप का आयोजन किया है। इस कैंप में दिव्यांगों को न सिर्फ उनके सफर को आसान करने के साधन दिए जाएंगे। बल्कि अपने अंग गंवा चुके लोगों की जांच कर उन्हें कृत्रिम अंग देने के लिए भी काम किए जाएंगे। ट्राइ साइकिल के लिए चयनित शास्त्री चौक निवासी बबन साह कहते हैं- आयोजन गरीबों के लिए है। मजबूरों के लिए है। यह समझ आ रहा है। महाराज की याद आ गई।
शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार व परिवहन के क्षेत्र में महाराज के काम अद्वितीयइतिहास के जानकार बताते हैं कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के साथ-साथ परिवहन के क्षेत्र में महाराज ने कई काम किए। शिक्षा के लिए अपने किले से सटे इलाके में महाराज ने कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, आयुर्वेद कॉलेज, नेत्रहीन स्कूल, मूक-बधिर स्कूल समेत कई संस्थानों की स्थापना की। साथ ही राजधानी पटना और उत्तर प्रदेश के कई बड़े शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना में मदद की। इसके अतिरिक्त शहर में गरीबों के रहने के लिए पुअर होम की स्थापना की। राज अस्पताल खोला। स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए तो डॉ. कामेश्वर सिंह ने बड़ी पहल की। पिता महाराज रामेश्वर सिंह की ओर से स्थापित दरभंगा मेडिकल स्कूल को दरभंगा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में परिवर्तित किया। इसमें इतनी जमीन दी कि आज एम्स के लिए भी जमीन कम नहीं पड़ रही।
रोजगार का था यह बड़ा केंद्र रोजगार के लिए अशोक पेपर मिल, समस्तीपुर स्थित रामेश्वर जूट मिल, केवटी स्थित रैयाम चीनी मिल, मधुबनी में लोहट चीनी मिल, सकरी चीनी मिल व सूत तैयार करने की कंपनी समेत कई संस्थानों की स्थापना की। जानकारों के मुताबिक महाराज कुल 36 कंपनियों को चलाते थे। 52 कंपनियों में उनके शेयर रहे। उनके द्वारा संचालित सभी कंपनियों के दफ्तर उनके जमाने में दरभंगा से ही संचालित होते थे। रोजगार का यह बड़ा केंद्र था। विदेश से भी नौकरी के लिए लोग यहां आते थे। इसके अतिरिक्त परिवहन की सेवाओं के लिए भी उन्होंने काफी काम किए। इसके लिए उन्होंने रेलमार्ग पर काम किया। अपना हवाई अड्डा बनाया। हवाई अड्डा उस जमाने में न सिर्फ व्यवसाय का केंद्र बना। बल्कि इस हवाई अड्डे पर व्यवसायियों के अलावा राजनेता भी उतरे। उनमें देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेंद्र प्रसाद आदि का नाम प्रमुख है।
महाराज चाहते थे न हो किसी का घर अंधेरामें महाराज की कीर्तियों में सबसे अहम यह कि वो किसी भी कीमत पर नहीं चाहते थे कि उनकी प्रजा अंधेरे में रहे। चाहे वह रोशनी का हो या फिर गरीबी का। वो हमेशा इसपर काम करते रहे। इसके लिए उन्होंने शहर के नेशनल सिनेमा के पास पावर हाउस का निर्माण कराया। यहां से आठ मेगावाट बिजली का उत्पादन होता था। आठ में से चार मेगावाट वो खुद पर खर्च करते थे। शेष चार मेगावाट लोगों के घरों में रोशनी के लिए दी जाती थी।
...जारी रहेगी सेवा, अगले चरण में कैंसर मरीजों को लेंगे गोदमहाराजाधिराज के पौत्र सह महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह टैरिटेबुल ट्रस्ट के ट्रस्टी कुमार कपिलेश्वर सिंह बताते हैं- दादाजी की कीर्तियों को जानने समझने के बाद हमारे मन में सेवा का भाव बचपन से रहा है। हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। हमने सेवा का संकल्प लिया है। जयंती पर दिव्यांग जन के लिए शिविर लगाया है। इसके अगले चरण में कैंसर मरीजों को गोद लेंगे। इसके लिए जल्द ही आवश्यक प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
प्रदर्शित की जाएगी डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'दास्तान-ए-दरभंगा' जयंती के अवसर पर महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह कल्याणी फाउंडेशन की ओर से कामेश्वर नगर स्थित कल्याणी निवास पर सुबह दस बजे से डाक्यूमेंट्री फिल्म 'दास्तान-ए-दरभंगा' प्रदर्शित की जाएगी। साथ ही प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. रत्नेश्वर मिश्र कामेश्वर सिंह स्मृति व्याख्यान देंगे। यह जानकारी संस्था के श्रुतिकर झा ने दी है।
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