Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Muzaffarpur weather: आषाढ़ ने किया निराश, सावन का इंतजार, उत्तर बिहार में कब होगी बार‍िश, मौसम व‍िभाग का पूर्वानुमान जारी

Muzaffarpur weather मानसून के कमजोर पड़ने के कारण नहीं हो रही बारिश। दक्षिण की ओर से चला गया है मानसून। उत्तर बिहार के जिलों में 18 जुलाई के बाद ही मानसून होगा सक्रिय। बार‍िश नहीं होने से धान की खेती प्रभाव‍ित हो रही है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Updated: Wed, 13 Jul 2022 07:48 AM (IST)
Hero Image
मौसम व‍िभाग ने बार‍िश को लेकर जारी क‍िया पूर्वानुमान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

समस्तीपुर, जासं। सावन का आगमन हो चुका है। महज एक कदम दूर है, लेकिन मानसून की चाल कमजोर पड़ गई है। जिस सावन की अगवानी रिमझिम फुहारों को करनी थी, उसे सूरत की तपिश जला रही है। उत्तर बिहार के जिलाें में अब 18 जुलाई के बाद ही मानसून सक्रिय होने का अनुमान है। अभी फिलहाल 17 जुलाई तक उत्तर बिहार में बारिश की काेई संभावना नहीं है। मानसून के पूरी तरह कमजोर होने की वजह से ऐसा हो रहा है। मानसून दक्षिण की तरफ चला गया है। डा. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्विवद्यालय पूसा के मौसम वैज्ञानिक डा. अब्दुल सत्तार ने बताया कि पूर्वानुमानित अवधि में मानसून के कमजोर बने रहने की संभावना है। जिसके कारण उत्तर बिहार के जिलों में वर्षा होने की संभावना नहीं है। फिलहाल मौसम के शुष्क अवस्था में बने रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इस अवधि में दिन का तापमान सामान्य से 3-4 डिग्री सेल्सियस अधिक रह सकता है। जबकि न्यूनतम तापमान में भी सामान्य से अधिक बने रहने की संभावना है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 75 से 85 प्रतिशत तथा दोपहर में 45 से 50 प्रतिशत रहने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पुरवा हवा चलने का अनुमान है।

खेत की जुताई के लिए खाद का करें अधिक प्रयोग 

किसानों के लिए जारी समसामयिक सुझाव में कहा गया है कि खेत की जुताई में गोबर की खाद, कम्पोस्ट का अधिक से अधिक प्रयोग करें। यह भूमि की जलधारण क्षमता एवं पोषक तत्व की मात्रा बढ़ाती है। मिट्टी जांच के बाद संतुलित मात्रा में उर्वरक का प्रयोग करें, विशेष तौर पर पोटाश की मात्रा बढ़ायें। ताकि फसल के सूखे से लड़ने की क्षमता बढ़ सके। कमजोर मानसून को देखते हुए धान के बदले तिल (कृष्णा), मक्का (सुवान) उरद (पंत यू 31) को अपनाना चाहिये। जिन क्षेत्रों में सिंचाई के अभाव में गेहूं की बुआई नहीं की जाती है, खरीफ अरहर की किस्मों जैसे- बहार, नरेन्द्र अरहर-1, मालवीय-13 किसान कुछ दिनों में लगा सकते है।

दिन में चिलचिलाती धूप से आम जनजीवन प्रभावित

मुजफ्फरपुर। मंगलवार को सुबह से ही धूप के तेवर तल्ख रहे। बीच-बीच में हवा चलने से थोड़ी राहत मिली। इस बीच अधिकतम तापमान 34.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 2.1 डिग्री अधिक है जबकि न्यूनतम तापमान 26.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो सामान्य से 0.7 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। किसान खेत की जुताई में गोबर की खाद यानी कम्पोस्ट का अधिक से अधिक प्रयोग करें। यह भूमि की जलधारण क्षमता एवं पोषक तत्व की मात्रा बढ़ाती है। मिट्टी जांच के बाद संतुलित मात्रा में उर्वरक का प्रयोग करें विशेष तौर पर पोटाश की मात्रा बढ़ाएं ताकि फसल की सूखे से लडऩे की क्षमता बढ़ सके। कमजोर मानसून को देखते हुए धान के बदले तिल, मक्का व उड़द की बुआई करें।