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70% पुराने वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं, परिवहन विभाग ने शुरू किया जुर्माना अभियान

मुजफ्फरपुर में 70 प्रतिशत पुराने वाहन अभी भी हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) के बिना चल रहे हैं। परिवहन विभाग के आदेश के बावजूद कई वाहन मालिक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। बिना HSRP वाले वाहनों से अपराध होने पर उनकी पहचान करना मुश्किल होता है। परिवहन विभाग ने जुर्माना अभियान चलाया है और वाहन डीलरों को बिना नंबर प्लेट के वाहन नहीं बेचने का निर्देश दिया है।

By MD samsad Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 03 Sep 2024 03:26 PM (IST)
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अब भी 70 फीसद पुराने वाहन बिना एसएचआरपी के चल रहे हैं। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। वाहनों के नंबर प्लेट में एकरूपता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एसएचआरपी) को अनिवार्य किया था। परिवहन विभाग के सचिव ने भी अभियान चलाने एवं उल्लंघन का मामला सामने आने पर कार्रवाई का आदेश दिया है। बावजूद जिले में अब भी काफी संख्या में ऐसे वाहन हैं जो बिना एसएचआरपी के चल रहे हैं। ऐसे वाहनों में पुराने वाहनों की संख्या अधिक है।

जानकारों के अनुसार, अब भी 70 फीसद पुराने वाहन बिना एसएचआरपी के चल रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर परिवहन विभाग कुछ वाहनों को जुर्माना जरूर कर रहा है, पुलिस लगातार वाहनों की जांच करती है। इसके बाद भी जिले में काफी संख्या में बिना एसएचआरपी वाले वाहनों का परिचालन धड़ल्ले से हो रहा है।

निजी वाहनों के साथ ही व्यावसायिक वाहन भी नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। ऐसे वाहन मालिकों को किसी का डर नहीं। रंग-बिरंगे नम्बर प्लेट पर नंबरों के लिखावट में मनमानी होती है। इस तरह के वाहनों से अपराध होने के बाद उनकी पहचान काफी मुश्किल होती है।

जिले में 2012 में लागू हुआ एचएसआरपी

जिले में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट की शुरुआत 20 जून 2012 को हुई। निजी एवं व्यावसायिक वाहनों के लिए अलग-अलग नंबर प्लेट तय किए गए। निजी वाहनों के लिए सफेद प्लेट पर काले अक्षरों से नंबर एवं व्यावसायिक वाहनों के लिए पीले प्लेट पर काले अक्षरों से नंबर लिखे जाने की व्यवस्था बनाई गई। इसके साथ ही नम्बर प्लेट पर आइएनडी एवं यूनिक नम्बर अंकित होता है।

जिला परिवहन कार्यालय में इसका काउंटर बनाया गया। इस काउंटर पर नम्बर प्लेट की बुकिंग होती थी एवं ब्रह्मपुरा में नम्बर प्लेट लगाए जाते थे। कुछ वर्ष बाद काउंटर को बंद कर दिया गया। एक अप्रैल 2019 से पूर्व के वाहनों को एचएसआरपी के लिए ऑनलाइन बुकिंग करने एवं एजेंसी चयन की छूट दी गई। नम्बर प्लेट शुल्क भी बढ़ा दिया गया।

2019 से एजेंसी को जिम्मा, वाहन के साथ नम्बर प्लेट अनिवार्य

परिवहन विभाग ने एचएसआरपी को लेकर सख्ती करते हुए एक अप्रैल 2019 से इसे लगाने का जिम्मा वाहन विक्री करने वाले डीलर को दे दिया। सख्त हिदायत दी गई कि बिना नम्बर प्लेट के वाहनों की बिक्री नहीं की जाएगी। शुरुआत में कुछ डीलरों ने विभाग के इस आदेश की अनदेखी की। मगर विभाग द्वारा कार्रवाई के बाद स्थिति में सुधार होने लगी। परिवहन सचिव ने एचएसआरपी को नजरअंदाज करने वाले डीलर पर जुर्माना एवं डीलर का रजिस्ट्रेशन रद करने का आदेश डीटीओ को दिया।

गाड़ियों पर जुर्माने का आदेश, डीलर पर भी सख्ती

सड़कों पर बिना नंबर प्लेट की चलने वाली गाड़ियों के खिलाफ अभियान चलाकर जुर्माना करने का आदेश दिया गया। परिवहन सचिव ने जुर्माना के साथ ही वाहनों को जब्त करने का आदेश दिया। बिना नम्बर प्लेट वाहन बेचने वाले डीलर के विरुद्ध भी कार्रवाई का आदेश दिया। डीटीओ और एमवीआइ को यह सुनिश्चित कराने को कहा है कि किसी भी परिस्थिति में बिना नंबर प्लेट की गाड़ियां शोरूम से बाहर सड़क पर नहीं निकले।

एचएसआरपी का उल्लंघन करने वाले वाहनों से जुर्माना वसूला जा रहा है। यह अभियान लगातार चलाया जाएगा। वाहन डीलर को भी निर्देश दिया गया है कि बिना नम्बर प्लेट के वाहन की बिक्री नहीं करें। इसकी जांच भी की जा रही है। - कुमार सतेंद्र यादव, डीटीओ

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