3000 करोड़ रुपये से होगा मुजफ्फरपुर-बरौनी फोरलेन का निर्माण, पूर्णिया की दूरी घटेगी; बंगाल आना-जाना होगा आसान
मुजफ्फरपुर-बरौनी फोरलेन के निर्माण की उम्मीद अब जगने लगी है। इसका डीपीआर और एलाइनमेंट फाइनल हो चुका है। एनएचएआइ की ओर से मुख्यालय को तीन हजार करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य करने का प्राक्कलन तैयार कर भेजा गया था। इसकी स्वीकृति मिल चुकी है। अब टेंडर की प्रक्रिया पूरी करने में एनएचएआई जुट गया है। फोरलेन को पूरा करने का लक्ष्य करीब दो वर्ष रखा गया है।
बाबुल दीप, मुजफ्फरपुर। वर्षों से लंबित मुजफ्फरपुर-बरौनी फोरलेन के निर्माण की उम्मीद अब जगने लगी है। इसका डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) और एलाइनमेंट फाइनल हो चुका है। एनएचएआइ की ओर से मुख्यालय को तीन हजार करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य करने का प्राक्कलन तैयार कर भेजा गया था। इसकी स्वीकृति मिल चुकी है। अब टेंडर की प्रक्रिया पूरी करने में एनएचएआई जुट गया है। इस 110 किलोमीटर लंबे फाेरलेन को पूरा करने का लक्ष्य करीब दो वर्ष रखा गया है।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक ललित कुमार ने बताया कि वर्ष 2025 से काम शुरू होकर 2027 में इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित करने की बात अभी चल रही है। संभावना है कि अंतिम रूप से इसी पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस मार्ग में भूमि अधिग्रहण की विशेष समस्या नहीं है, क्योंकि पूर्व से विभाग की अपनी पर्याप्त जमीन एनएच-28 में है। दीघरा के समीप आंशिक रूप से अधिग्रहण किया जाएगा। इसका भी प्रस्ताव तैयार कर भेजा जा चुका है।
उन्होंने कहा, कुछ जगहों पर अतिक्रमण की समस्या है। इसे जिला प्रशासन और पुलिस की मदद से दूर किया जाएगा। शीघ्र ही टेंडर फाइनल कर एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस फोरलेन का निर्माण रामदयालु ओवरब्रिज के पूरब और कच्ची पक्की चौक से पहले से शुरू किया जाएगा। इसमें ओवरब्रिज को शामिल नहीं किया गया है। कच्ची पक्की से कुछ दूर आगे तक फोरलेन बना हुआ है। उसके बाद बरौनी तक निर्माण कार्य किया जाएगा।
तीन घंटे में पहुंचेंगे पुर्णिया, पश्चिम बंगाल जाना होगा आसान
इस फोरलेन का निर्माण पूरा होने से मुजफ्फरपुर से पुर्णिया महज तीन घंटे में पहुंचा जा सकेगा, जबकि अभी टे लेन सड़क होने के कारण करीब पांच घंटे का समय लगता है। परियोजना निदेशक ने बताया कि बरौनी से आगे पुर्णिया तक फोरलेन का काम चल रहा है। इस ओर से काम पूरा होने के बाद पुर्णिया तक फोरलेन सड़क हो जाएगी। इससे पश्चिम बंगाल भी जाना आसान हो जाएगा। इससे व्यवसाय और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
डीपीआर बनाने में लगा करीब तीन साल
विदित हो कि कि करीब आठ वर्ष पहले मुजफ्फरपुर-बरौनी फोरलेन निर्माण की स्वीकृति मिली थी, लेकिन राशि आवंटित होने और डीपीआर के लिए टेंडर प्रक्रिया में देरी होने के कारण मामला लंबित था।डीपीआर और एलाइनमेंट बनाने में करीब तीन साल से अधिक का समय लग गया। अब जाकर यह फाइनल हुआ है, क्योंकि एलाइनमेंट में कई बार तकनीकी गड़बड़ी के कारण अस्वीकृत किया गया था। इसे तैयार करने में विभाग को बहुत मंथन करना पड़ा। तब जाकर स्वीकृति मिली।
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