मुजफ्फरपुर में जन्माष्टमी की धूम, जन्मोत्सव के लिए जबरदस्त तैयारी; जानिए कैसे होगी इन मंदिरों की सजावट
जन्माष्टमी को लेकर मुजफ्फरपुर के हरिसभा चौक स्थित राधा-कृष्ण सहित अन्य मठ-मंदिरों में उत्सव का माहौल है। हरिसभा चौक स्थित राधा-कृष्ण मंदिर में दो महीना पहले से ही जीर्णोद्वार के साथ रंगरोगन शुरू हो गया था। इसके अलावा साहू पोखर स्थित फलाहारी बाबा मठ और गोला रोड स्थित बड़ी दुर्गा मंदिर में भव्य आयोजन होगा। विभिन्न सार्वजनिक एवं निजी स्थलों पर पूजा-पाठ का विशेष आयोजन किया गया है।
By Gopal TiwariEdited By: Shashank ShekharUpdated: Wed, 06 Sep 2023 12:35 PM (IST)
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर: आज देशभर में जन्माष्टमी की धूम है। इसी कड़ी में मुजफ्फरपुर में भी हरिसभा चौक स्थित राधा-कृष्ण सहित अन्य मठ-मंदिरों में उत्सवी माहौल है। जन्माष्टमी को लेकर हरिसभा चौक स्थित राधा-कृष्ण मंदिर में दो महीने पहले से ही जीर्णोद्वार के साथ तैयारियां शुरू हो गई थी।
साहू पोखर स्थित फलाहारी बाबा मठ और गोला रोड स्थित बड़ी दुर्गा मंदिर में भव्य आयोजन होगा। विभिन्न सार्वजनिक एवं निजी स्थलों पर पूजा-पाठ का विशेष आयोजन किया गया है। शहर में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा।
राधा-कृष्ण मंदिर में जागरण कार्यक्रम का आयोजन होगा। इसके अलावा घरों में श्रद्धालु व्रत रखकर लड्डू गोपाल की पूजा करेंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी तैयारियां तेज
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी तैयारियां जोरों पर है। प्रखंड के मुशहरी, कुढ़नी, कांटी, साहेबगंज, सरैया, पारू, गायघाट, बोचहां समेत अन्य प्रखंडों में सार्वजनिक और निजी स्थलों पर पंडाल का निर्माण कर साज-सज्जा का कार्य पूरा कर लिया गया।
जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं की टोली द्वारा मटका फोड़ कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा।
उपवास रखने में अधिकांश महिलाएं
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर अधिकांश महिलाएं उपवास में रहकर विधि-विधान से पूजा अर्चना करेंगी। निजी और सरकारी विद्यालयों में एक दिन पहले ही श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मना ली गई। इसे लेकर प्राइवेट स्कूलों में बुधवार को घुट्टी दे दी गई है।
बता दें कि सरकारी विद्यालयों में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन के रद्द अवकाश को फिर से बहाल कर दिए जाने के बाद से कार्यरत शिक्षिकाओं में भी हर्ष का माहौल है। कई शिक्षिकाओं ने बताया कि अब भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना और उपवास रखने में सहूलियत होगी।
जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर मंदिरों में धनिया के पंजीरी, लड्डृ सहित कई प्रकार के प्रसाद बनाए जाते हैं। इसी प्रसाद का मंदिरों और घरों में भगवान का भोग लगाया जाता है। इसे लेकर बुजुर्ग महिलाएं कई दिनों से तैयारियों में जुटीं थीं। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों का भी बड़ा महत्व है।
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