मुजफ्फरपुर: मोतियाबिंद के मुफ्त ऑपरेशन के नाम पर फर्जीवाड़ा, एक डॉक्टर के 3 हस्ताक्षर मिले; जांच के बाद हड़कंप
मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद ऑपरेशन में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद गांव से लेकर शहर तक खलबली मच गई है। स्वास्थ्य विभाग की जांच के बाद से एक के बाद एक गड़बड़ी सामने आ रही है। यह बात भी सामने आई कि एक डॉक्टर का तीन तरह के हस्ताक्षर कर फर्जीवाड़ा किया गया है। सिविल सर्जन ने जांच के बाद मुख्यालय को मामले की जांच रिपोर्ट भेज दी है।
By Jagran NewsEdited By: Shashank ShekharUpdated: Tue, 29 Aug 2023 05:33 PM (IST)
अमरेंद्र तिवारी, मुजफ्फरपुर: मोतियाबिंद ऑपरेशन में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद गांव से लेकर शहर तक खलबली मच गई है। स्वास्थ्य विभाग की जांच के बाद से एक के बाद एक गड़बड़ी सामने आ रही है। इसमें यह बात भी सामने आई कि एक डॉक्टर का तीन तरह के हस्ताक्षर कर फर्जीवाड़ा किया गया है।
मामले में सिविल सर्जन ने जांच के बाद मुख्यालय को यह रिपोर्ट भेज दी है। वहीं, वरीय नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.अमरेन्द्र झा ने जांच के घेरे में आए अस्पताल में पैर रखने से भी इनकार दिया है।
मामला बढ़ता देख आईरिस वर्ल्ड हॉस्पिटल ने मोतियाबिंद एवं आंख का ऑपरेशन बंद कर दिया है। अस्पताल संचालक ने कहा कि चार सितंबर तक अस्पताल में सर्जरी बंद रहेगा।
जिस डॉक्टर का नाम, उसका फोन बंद
बोचहां के मझौली के पास संचालित सुनैना आई मेमोरियल हॉस्पिटल में भी ताला लटका मिला। अस्पताल ने जिस डॉक्टर का नाम अपने पैनल में रखा है, उसका मोबाइल बंद है।सिविल सर्जन स्तर से छानबीन में डॉक्टर नहीं मिलने से यह शक हुआ कि यहां भी बिना डॉक्टर किसी ओटी सहायक से तो ऑपरेशन नहीं करा दिया गया।
2020 से इस अस्पताल में मुफ्त मोतियाबिंद ऑपरेशन हो रहा है। अस्पताल ने करीब 1200 मरीजों के ऑपरेशन का दावा कर जिला अंधापन निवारण से करीब 24 लाख रुपये उठा लिए।
अस्पताल के संचालक राजेश चन्द्रा ने कहा कि उनके यहां विशेषज्ञ चिकित्सक हैं। यह पूछने पर कि उनका मोबाइल क्यों बंद है, कोई जवाब नहीं दे पाए। इतना जरूर कहा, नियम से उनके यहां काम होता है। अंधापन निवारण समिति को सारे कागजात दिए गए हैं।
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