Muzaffarpur: एमएलसी दिनेश प्रसाद सिंह को नियम के विरुद्ध जिला परिषद की जमीन आवंटित
अधिवक्ता सुधीर ओझा ने प्रेस वार्ता में लगाया आरोप। एमएलसी दिनेश प्रसाद सिंह उनके परिवार के सदस्य और करीबियों के लिए नियम को तोड़कर जमीन आवंटन का घोटाला किया गया है। 30 वर्ष की जगह सौ वर्ष की दी गई लीज। मुख्यमंत्री से घोटाले की जांच का किया है आग्रह।
By Ajit KumarEdited By: Updated: Tue, 30 Mar 2021 01:26 PM (IST)
मुजफ्फरपुर, जासं। Bihar politics : जिले में जिला परिषद की जमीन के आवंटन में बड़ा घोटाला किया गया है। कलमबाग चौक स्थित जिला परिषद की जमीन को नियम के विरुद्ध सौ-सौ वर्षों के लीज पर दे दिया गया है। जबकि 30 वर्ष से अधिक की अवधि नहीं होनी चाहिए थी। मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया गया है। ये बातें अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में कहीं। उन्होंने कहा कि एमएलसी दिनेश प्रसाद सिंह, उनके परिवार के सदस्य और करीबियों के लिए नियम को तोड़कर जमीन आवंटन का घोटाला किया गया है। एक जमीन को लीज पर दिए जाने की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि तत्कालीन डीडीसी का आदेश 28 फरवरी 2011 को जारी हुआ। इससे पहले ही 19 फरवरी यानी नौ दिन पूर्व ही लीज कर दी गई। उन्होंने कहा कि मामले में कार्रवाई के लिए विशेष निगरानी इकाई के एसपी को आवेदन दिया गया था। उन्होंने आर्थिक अपराध इकाई को मामले की जांच कर कार्रवाई के लिए लिखा है। आरोपों को लेकर एमएलसी दिनेश प्रसाद सिंह ने कहा कि वे जिला परिषद में कुछ नहीं है। ऐसे में उनके स्तर से कोई आवंटन नहीं किया गया।
विस चुनाव के दौरान चर्चा में रहे एमएलसी दिनेश प्रसाद सिंह इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान उस समय चर्चा में आ गए थे जब सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। उन पर गायघाट विधानसभा में पार्टी के कार्यकर्ताओं को धमकाने का आरोप था। उस समय उनकी बेटी कोमल सिंह लोजपा के टिकट से चुनाव मैदान में थी। ऐसा कहा जा रहा है कि वहां से जदयू प्रत्याशी की हार की बड़ी वजह लोजपा प्रत्याशी के रूप में उनकी बेटी का वहां से चुनाव मैदान में उतरना था। उनकी पत्नी अभी लोजपा से ही वैशाली से सांसद हैं।
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