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मुजफ्फरपुर:पूर्व उप महाप्रबंधक की कारस्तानी, निगम के करोड़ों रुपये किए ट्रांसफर; 10 करोड़ से अधिक की करा ली FD

Muzaffarpur News बिहार से एक और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। पूर्व उप महाप्रबंधक शिवानंद ने बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड के करोड़ों रुपयों के साथ गड़बड़ी की है। शिवानंद ने अवैध रूप से दूसरे खातों में निगम के करोड़ों रुपये ट्रांसफर कराए। इसके साथ ही बैंक में 10 करोड़ रुपये से अधिक का फिक्स्ड डिपॉजिट भी करा लिया था।

By Jagran NewsEdited By: Aysha SheikhUpdated: Mon, 25 Sep 2023 02:52 PM (IST)
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पूर्व उप महाप्रबंधक की कारस्तानी, निगम के करोड़ों रुपये अपने पास किए ट्रांसफर

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर : बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड के खाते के करोड़ों रुपये पूर्व उप महाप्रबंधक शिवानंद (Deputy General Manager) ने अवैध रूप से अपने, पत्नी और अन्य स्वजन के खाते में जमा कर दिए।

यही नहीं, निगम के करोड़ों रुपये उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट भी करा दिए। परियोजना कार्यान्वयन इकाई (पीआइयू), मुजफ्फरपुर में अपने कार्यकाल में उन्होंने यह कारस्तानी की।

मामला पकड़ में आने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। ब्रह्मपुरा थाना में इसकी प्राथमिकी कराई गई है। इसमें शिवानंद के अलावा लेखापाल दिलीप कुमार एवं उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक के शाखा प्रबंधक को भी नामजद किया गया है।

पीआइयू के खाते से करोड़ों रुपये हस्तांतरित

भवन निर्माण निगम लिमिटेड की पीआइयू, मुजफ्फरपुर के वर्तमान उप महापबंधक ने दर्ज प्राथमिकी में कहा है कि शिवानंद ने अवैध रूप से दूसरे खाते में निगम के करोड़ों रुपये हस्तांतरित कराए।

उन्होंने पीआइयू के खाते से अपने खाते में 49.15 लाख रुपये हस्तांतरित किए। इसके बाद पत्नी ममता शिवानंद के खाते में इस वर्ष पांच जुलाई को एक करोड़ 83 लाख रुपये भेजे।

वहीं, पांच जुलाई को दो करोड़ रुपये एमएस इंटरप्राइजेज के खाते में जमा किए। इसके अलावा कई अन्य ट्रांजेक्शन से शिवानंद ने स्वयं, पत्नी और स्वजन के खाते में अवैध रूप से छह करोड़ 18 लाख 65 हजार रुपये जमा कर दिए।

शिवानंद को किया गया निलंबित

मामला पकड़ में आने के बाद शिवानंद को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही ब्याज के साथ राशि जमा कराने की कार्रवाई की जा रही है। प्राथमिकी के अनुसार, 11 सितंबर तक शिवानंद ने चार करोड़ 52 लाख 283 रुपये ही निगम के खाते में जमा किए हैं। इसके अलावा ब्याज की राशि भी वापस नहीं की जा रही है।

लेखपाल की भी मिलीभगत

प्राथमिकी में कहा गया है कि निगम के खाते में करोड़ों रुपये की गड़बड़ी में लेखपाल सह रोकड़पाल पद पर कार्यरत दिलीप कुमार की भी मिलीभगत है। वहीं उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक द्वारा बिना निगम निदेशक पर्षद की अनुमति के नियम विरुद्ध ओवरड्राफ्ट दिया गया है। इसके अलावा बैंक द्वारा निगम की राशि भी नहीं लौटाई जा रही है।

शिवानंद ने इस बैंक में 10 करोड़ रुपये से अधिक का फिक्स्ड डिपॉजिट कराया था। उप महाप्रबंधक के प्राथमिकी के आवेदन के अनुसार, बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड में किसी भी प्रकार का लोन या बैंक निर्देशित किसी प्रकार के एफडीआर पर कोई ओवर ड्राफ्ट या लोन लेने का प्रावधान नहीं है।

साथ ही निगम के निदेशक पर्षद द्वारा किसी प्रकार से शिवानंद को ओवरड्राफ्ट के लिए प्राधिकृत भी नहीं किया गया था। इसे देखते हुए उक्त सभी आरोपितों पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाए। ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष मो. आलम ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

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